सात साल का प्यार, अनगिनत वादे और साथ जीने-मरने की कसमें… लेकिन अंजाम? एक रेस्टोरेंट के बाहर खून में लथपथ दो जिस्म. एक ने दम तोड़ दिया, दूसरा जिंदगी और मौत के बीच झूल रही. यह कहानी है झांसी की है, जहां 25 वर्षीय युवक मनीष ने पहले अपनी प्रेमिका को गोली मारी और फिर खुद को भी. दोनों ललितपुर जिले के रहने वाले थे. यह कोई फिल्म नहीं, बल्कि उस प्यार का सच्चा अंत है जो शादी के बंधन में भी नहीं रुक पाया.
प्यार की शुरुआत और वादों की दुनिया
कहानी की शुरुआत साल 2018 से होती है. ललितपुर शहर में पड़ोस में रहने वाले दो युवा 22 वर्षीय लड़कीऔर 25 वर्षीय मनीष. लड़की उस वक्त कॉलेज में थी और मनीष सरकारी विभाग में बोलेरो चलाता था. छोटी-छोटी बातें, फोन कॉल्स, फिर मुलाकातें... और धीरे-धीरे दोनों के बीच ऐसा रिश्ता बना जिसने मोहल्ले की दीवारों को पार कर लिया. दोनों ने सात साल साथ रहने के वादे किए, लड़की ने एमबीए की पढ़ाई शुरू की तो मनीष ने वादा किया कि तू पढ़ ले, मैं सब संभाल लूंगा, बस तू मेरी रहना. लेकिन प्यार की दुनिया हमेशा उतनी आसान नहीं होती जितनी फिल्मों में दिखती है.
शादी के बंधन में कैद हुआ प्यार
घरवालों को जब इस रिश्ते की भनक लगी तो उन्होंने मनीष की शादी किसी और लड़की से तय कर दी. लेकिन शादी के दो महीने बाद ही मनीष की जिंदगी जैसे रुक गई. वह प्रेमिका को भूल नहीं पाया. उसने पत्नी से साफ कह दिया कि जिसे दिल दिया है, अब उसी के बिना जीना नामुमकिन है. परिवार ने उसे समझाया, झगड़ा हुआ, पंचायत बैठी. अंततः मनीष ने तलाक दे दिया. ढाई लाख रुपये लौटाए, दहेज का सामान वापस किया और घरवालों से नाता तोड़ लिया. पिता बिहारी लाल कहते हैं कि हमने बहुत समझाया, पर वह उस लड़की के प्यार में पागल था. पत्नी को छोड़ा, घर छोड़ा और आखिर में ज़िंदगी भी.
दूरी और बेचैनी का दौर
शादी टूटने के बाद मनीष को लगा कि अब सब ठीक हो जाएगा. लेकिन कहानी में मोड़ आया. प्रेमिका, जो अब बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में एमबीए की छात्रा थी, उसने उससे दूरी बनानी शुरू कर दी. शायद समाज के डर से, शायद किसी नए सफर की चाह में. पर मनीष के लिए यह दूरी मौत के बराबर थी. दीपावली के बाद से वह लगातार उसे फोन कर रहा था, पर जवाब नहीं मिल रहा था.
उसने दोस्तों से कहा था कि अगर वो मेरी नहीं हुई तो किसी की नहीं होने दूंगा.
रेस्टोरेंट में आखिरी मुलाकात
9 नवंबर की दोपहर. मनीष ने आखिरी बार उसे फोन किया. सिर्फ एक बार मिल लो, फिर कभी नहीं कहूंगा. वह मान गई. दोनों यूनिवर्सिटी के पास एक रेस्टोरेंट में मिले. चश्मदीदों के मुताबिक, दोनों ने खाना ऑर्डर किया लेकिन प्लेटें अधूरी ही रह गईं. उनके बीच बहस हुई, शायद पुराने गिले-शिकवे फिर से सामने आ गए. दोनों वहां से निकल गए. प्रेमिका जब हॉस्टल की तरफ बढ़ रही थी, मनीष ने उसे पीछे से पुकारा रुको, तुम्हें कुछ देना है. उसने जैसे ही मुड़कर देखा, मनीष ने गोली चला दी. गोली सीधे उसे लगी. इसके बाद उसने खुद को गोली मार ली. आवाज सुनते ही यूनिवर्सिटी के पास अफरा-तफरी मच गई. छात्राएं चिल्लाईं, लोग दौड़े, पुलिस को खबर दी गई.
जब तक मदद पहुंची, मनीष खामोश हो चुका था.
गोली, रील और सवालों का सिलसिला
पुलिस को मौके से मनीष का बैग मिला, जिसमें तमंचा और कारतूस थे. लेकिन असली रहस्य उस फेसबुक रील ने खड़ा कर दिया जो घटना से दो घंटे पहले प्रेमिका की आईडी से पोस्ट हुई थी. 44 सेकेंड की उस रील में दोनों की पुरानी तस्वीरें थीं और बैकग्राउंड में चल रहा था मोड़ पे आखिरी मैं रह गया, पहले दिल बाद में घर जल गया… कैप्शन था - 7 साल पूरे हुए… अगर सच्चा प्यार करो तो निभाओ. पुलिस यह जांच कर रही है कि रील लड़की ने डाली या मनीष ने उसके फोन से.
एक जिंदगी अधूरी, दूसरी खत्म
डॉक्टरों ने बताया कि गोली लड़की के सीने को चीरते हुए रीढ़ में फंस गई. उसका निचला हिस्सा काम नहीं कर रहा था. देर रात उसे भोपाल एम्स रेफर कर दिया गया. वहीं मनीष की लाश पोस्टमॉर्टम के बाद ललितपुर भेजी गई. पिता ने कहा कि एक बेटे को पहले खोया, दूसरे ने खुद को खत्म कर लिया. अब हमारे पास कुछ नहीं बचा.
एसएसपी झांसी बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि प्रारंभिक जांच में व्यक्तिगत कारण सामने आए हैं. युवक ने पहले छात्रा को गोली मारी और फिर खुद को. दोनों ललितपुर के रहने वाले हैं. मामले की पूरी जांच की जा रही है. पुलिस को यह भी शक है कि मनीष ने वारदात की पूरी योजना पहले से बना ली थी. वह दीपावली से पहले ही तमंचा खरीद चुका था और लगातार हॉस्टल के आसपास मंडराता था.