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UP: मोबाइल इस्तेमाल पर पड़ी डांट, 3 छात्राएं स्कूल से भागीं, दो शिक्षिकाओं पर कार्रवाई

मेरठ के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से 7वीं कक्षा की तीन छात्राएं 3 अप्रैल को लापता हो गईं. पुलिस ने उन्हें एक दिन बाद उनके परिचितों के घर से बरामद किया. छात्राएं मोबाइल पर डांट से नाराज होकर चली गई थीं. जांच में स्कूल की लापरवाही सामने आई, जिसके चलते दो शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर दिया गया है.

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AI जेनरेटेड (सांकेतिक तस्वीर).
AI जेनरेटेड (सांकेतिक तस्वीर).

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (सरूरपुर) से 3 अप्रैल की दोपहर लापता हुईं कक्षा 7वीं की तीन छात्राओं को पुलिस ने उनके परिचितों के घरों से बरामद कर लिया. पुलिस के अनुसार, छात्राएं स्कूल में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर डांट मिलने से नाराज होकर खुद ही स्कूल से चली गई थीं.

मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) विपिन ताड़ा ने बताया कि छात्राएं शुक्रवार देर रात सुरक्षित पाई गईं. पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे स्कूल में डांट पड़ने के कारण नाराज होकर अपने परिचितों के यहां चली गई थीं. मामला सामने आने के बाद जिला बाल कल्याण समिति (CWC) के निर्देश पर छात्राओं की मेडिकल जांच कराई गई और उन्हें अस्थायी रूप से उनके परिचितों को सौंप दिया गया.

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प्रशासन की सख्त कार्रवाई

मेरठ के जिलाधिकारी डॉ. वी.के. सिंह ने बताया कि मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की गई थी, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी नूपुर गोयल और अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) बलराम सिंह शामिल थे. समिति ने 4 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंपी. जिसमें विद्यालय में गंभीर लापरवाही, निगरानी में ढिलाई और अनुशासनहीनता की पुष्टि हुई.

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शिक्षा विभाग भी सवालों के घेरे में

इस रिपोर्ट के आधार पर विद्यालय की प्रभारी वार्डन रीना और पूर्णकालिक शिक्षिका बिंदिया को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया गया है. साथ ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा इन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है. जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है कि इस लापरवाही के पीछे उनकी क्या भूमिका रही.

जनसुरक्षा और अभिभावकों की चिंता

इस पूरे घटनाक्रम के बाद अभिभावकों और स्थानीय नागरिकों में गहरी चिंता देखी जा रही है. अभिभावकों का कहना है कि आवासीय विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए और ऐसे मामलों में सख्त निगरानी और जवाबदेही आवश्यक है.

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