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एक तरफ का हैंडल टूटा, सीट भी नहीं… बच्चे के पास ऐसी साइकिल देख पसीजा अखिलेश यादव का दिल

सीतापुर के दुघरा गांव के छोटे जैद के पास टूटी-फूटी साइकिल थी, जिसका एक हैंडल और पैडल भी नहीं था. उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव तक पहुंचा. उनके निर्देश पर स्थानीय नेता अर्चना भदौरिया और विनय यादव ने जैद को नई साइकिल दी. नई साइकिल मिलते ही जैद और परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

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अखिलेश यादव ने बच्चे के पास टूटी साइकिल देख नई साइकिल भेजी (Photo:ITG)
अखिलेश यादव ने बच्चे के पास टूटी साइकिल देख नई साइकिल भेजी (Photo:ITG)

सीतापुर जिले के सदरपुर थाना क्षेत्र के दुघरा गांव का 8 वर्षीय बच्चा जैद इन दिनों चर्चाओं में है. वजह है उसकी टूटी-फूटी साइकिल, जिस पर वह न सिर्फ स्कूल जाता था बल्कि अपने छोटे-मोटे काम भी करता था. जैद के पास ऐसी साइकिल थी, जिसका एक तरफ का हैंडल गायब था और पैडल भी अधूरे थे. ब्रेक तो नाममात्र के, लेकिन जैद अपने छोटे पैर और अद्भुत संतुलन के दम पर उसे बड़ी चपलता से चलाता था.

वायरल हुआ वीडियो

इस साइकिल पर जैद की मेहनत और फुर्ती का एक वीडियो उसके स्कूल के शिक्षक ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर साझा किया. वीडियो में जैद को टूटी-फूटी साइकिल पर फुर्ती से चलते देख लोग भावुक हो गए. सोशल मीडिया पर वीडियो तेजी से वायरल हुआ और इसे देखने वालों की संख्या लाखों में पहुंच गई. वीडियो की पहुंच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तक हुई. अखिलेश यादव ने तुरंत इस पर ध्यान दिया और स्थानीय नेताओं को जैद की मदद करने का निर्देश दिया.

अखिलेश यादव का संवेदनशील कदम

राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्देश मिलते ही समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता सक्रिय हो गए. धौरहरा के सांसद आनंद भदौरिया की पत्नी अर्चना भदौरिया और समाजवादी छात्र सभा के नेता विनय यादव ने हाथ में नई साइकिल लेकर दुघरा गांव का रुख किया. अर्चना और विनय ने एक नई साइकिल जैद को सौंप दी. नई साइकिल मिलते ही जैद की खुशी देखते ही बन रही थी. पहली बार उसके हाथ में एक पूरी तरह से नई और सुरक्षित साइकिल थी. अब उसके पैरों और हाथों को साइकिल चलाने में कठिनाई नहीं होगी. साइकिल घर पहुंचते ही गांव में खुशी की लहर दौड़ गई.

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परिवार और पड़ोसियों की खुशी

जैद के पिता मुमताज मजदूरी करके घर चलाते हैं, जैद का परिवार इस उपहार से बेहद खुश है. भावुक होकर मुमताज कहते हैं कि हमारे लिए यह साइकिल केवल एक साधन नहीं, बल्कि हमारे बेटे की मुस्कान और खुशी का प्रतीक है. इतने बड़े नेता ने अपने स्तर पर हमारे बेटे की मदद की, यह हम कभी नहीं भूलेंगे. गांव के लोग भी खुश हैं. पड़ोसियों ने कहा कि जैद की मेहनत और लगन ने उसे यह सम्मान दिलाया. सोशल मीडिया के जरिए आने वाला यह सहयोग पूरे गांव के लिए प्रेरणा बन गया है.

बच्चों में बढ़ेगा आत्मविश्वास

गांव वाले कहते हैं कि इस नई साइकिल से जैद का आत्मविश्वास बढ़ेगा. अब वह और आसानी से स्कूल जा सकेगा, खेल-कूद में भाग ले सकेगा और अपने छोटे कामों के लिए सुरक्षित और तेज़ी से साइकिल का उपयोग कर सकेगा.

सोशल मीडिया की ताकत

गांव के विक्रम कहते हैं कि जैद की साइकिल की यह कहानी सोशल मीडिया की शक्ति को भी उजागर करती है. अगर शिक्षक ने यह वीडियो साझा नहीं किया होता, तो शायद जैद तक यह मदद नहीं पहुंचती. वायरल वीडियो ने पूरे देश में लोगों का ध्यान खींचा और एक बच्चे की छोटी सी जरूरत को पूरा करने में मदद की.

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