उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के थाना मीरगंज के गांव तिलमास में मुस्लिम समाज ने एक अनोखी मिसाल पेश की. यहां तालाब की जमीन पर बने मस्जिद के अवैध हिस्से को खुद मस्जिद कमेटी और स्थानीय मुस्लिम समाज ने तोड़ दिया. यह कदम विवाद की संभावना को टालने और शांति बनाए रखने के लिए उठाया गया.
मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने की शुरुआत
मामला उस समय सुर्खियों में आया जब एक युवक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म'X' के माध्यम से तालाब की जमीन पर अवैध निर्माण की शिकायत प्रशासन से की. शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने सोमवार को उपजिलाधिकारी (एसडीएम) तृप्ति गुप्ता, तहसीलदार डॉ. विशाल कुमार शर्मा, क्षेत्राधिकारी (सीओ) अंजनी कुमार तिवारी और राजस्व विभाग की टीम को मौके पर भेजा. जांच में पाया गया कि तालाब की जमीन पर मस्जिद का पिछला हिस्सा, वजू खाना और कुछ अन्य निर्माण अवैध रूप से बनाए गए थे.
समुदाय ने खुद लिया कार्रवाई का फैसला
प्रशासनिक कार्रवाई से पहले ही मस्जिद कमेटी ने अन्य स्थानीय मुस्लिम समाज के लोगों के साथ बैठक की. बैठक में निर्णय लिया गया कि विवाद को टालने और किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए वे स्वयं मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ देंगे. सोमवार रात से ही मस्जिद के अवैध हिस्सों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया और मंगलवार शाम तक इसे पूरी तरह हटा दिया गया.
पुलिस और प्रशासन ने सुनिश्चित की शांति व्यवस्था
शिकायत के बाद किसी प्रकार का तनाव न फैले इसे देखते हुए मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया. स्थानीय प्रशासन ने भी निगरानी रखी. तहसीलदार और सीओ की मौजूदगी में जांच की गई और पाया गया कि न केवल मस्जिद बल्कि तालाब की जमीन पर अन्य कई लोगों ने भी अतिक्रमण किया है.
देखें वीडियो...
स्थानीय प्रशासन और समुदाय की तारीफ
मस्जिद कमेटी और मुस्लिम समाज द्वारा इस कदम को क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए उठाया गया साहसिक कदम बताया जा रहा है. प्रशासन ने भी समुदाय के इस निर्णय की सराहना की. इस घटना से यह संदेश जाता है कि आपसी समझ और सहयोग से विवादों को सुलझाया जा सकता है. वहीं, मंगलवार शाम तक मस्जिद के अवैध हिस्से को पूरी तरह से हटाने के बाद इलाके में शांति व्यवस्था बनी हुई है. पुलिस का कहना है कि मस्जिद कमेटी ने खुद ही फैसला लेकर निर्माण को हटा दिया है. इलाके में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है.