महाराजगंज में एक व्यक्ति को अपनी 11 साल बेटी से कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. कोतवाली थाने के एसएचओ सत्येंद्र कुमार राय ने बताया कि घटना गुरुवार रात को हुई जब पीड़िता की मां अपने माता-पिता के घर गई हुई थी.
राय ने बताया कि लड़की की मां ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि जब वह घर से बाहर थी तो उसके पति ने उसकी बेटी के साथ बलात्कार किया और धमकी दी कि अगर उसने किसी को इस बारे में बताया तो वह उसे जहर दे देगा.
राय ने बताया कि महिला की शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और लड़की को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया गया है. नाबालिग बेटी से रेप के जुर्म में पिता को POCSO के तहत सजा हो सकती है.
POCSO क्या है?
POCSO (Protection of Children from Sexual Offences) Act, 2012 यानी 'यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम' भारत में बच्चों को यौन शोषण और यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाया गया एक विशेष कानून है.
POCSO के मुख्य प्रावधान
बच्चों की सुरक्षा: यह कानून 18 साल से कम उम्र के बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए बनाया गया है.
कड़ी सजा: इसमें बाल यौन शोषण, यौन उत्पीड़न, पोर्नोग्राफी और छेड़छाड़ के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है.
फास्ट-ट्रैक कोर्ट: मामलों का निपटारा जल्दी हो, इसके लिए विशेष अदालतों का प्रावधान है.
गोपनीयता का प्रावधान: पीड़ित बच्चे की पहचान सार्वजनिक नहीं की जा सकती.
महिला पुलिस अधिकारी अनिवार्य: शिकायत दर्ज करने और पूछताछ के दौरान महिला पुलिस अधिकारी का होना जरूरी है.
झूठे आरोप पर सजा: अगर कोई झूठा आरोप लगाता है तो उसे भी सजा हो सकती है.
POCSO के तहत सजा
यौन शोषण – 3 से 5 साल की सजा
गंभीर यौन शोषण – 10 साल से उम्रकैद
गंभीर अपराध (रेप आदि) – 20 साल से लेकर मृत्युदंड तक की सजा
POCSO एक्ट बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अपराधियों को कड़ी सजा देने के लिए लागू किया गया था.