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लखनऊ में Dial-112 की टेलीकॉलर साक्षी वर्मा लापता, दोस्त के साथ में रात में घूमने गई, क्या तीसरे शख्स की एंट्री बनी वजह?

लखनऊ की टेलीकॉलर साक्षी वर्मा 29 अगस्त से रहस्यमय ढंग से लापता है. वह दोस्त सचिन के साथ रिवर फ्रंट गई थी, जहां विवाद हुआ. सचिन ने उसका मोबाइल छीनकर घर लौटने की बात कही और गिरफ्तार होकर जेल भेजा गया. पुलिस ने गोमती नदी में कई बार तलाशी की, लेकिन साक्षी का कोई सुराग नहीं मिला. मामला अब भी मिस्ट्री बना है.

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टेलीकॉलर साक्षी वर्मा 29 अगस्त से लापता हैं. (Photo: ITG)
टेलीकॉलर साक्षी वर्मा 29 अगस्त से लापता हैं. (Photo: ITG)

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. डायल-112 में कार्यरत टेलीकॉलर साक्षी वर्मा 29 अगस्त से रहस्यमय तरीके से लापता है. पुलिस लगातार तलाश में जुटी है, लेकिन अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है. मामला पुलिस के लिए एक बड़ी मिस्ट्री बन गया है.

दोस्त के साथ गई थी रिवर फ्रंट
जानकारी के मुताबिक, साक्षी वर्मा उस रात अपने दोस्त सचिन के साथ स्कूटी से रिवर फ्रंट गई थी. दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ. सचिन ने पुलिस को बताया कि झगड़े के बाद उसने साक्षी का मोबाइल छीन लिया और घर लौट आया. इसके बाद से उसे साक्षी के बारे में कुछ पता नहीं है.

सचिन गिरफ्तार, भेजा गया जेल
पुलिस ने इस मामले में सचिन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. जांच में सामने आया कि दोनों की दोस्ती इंस्टाग्राम के जरिए हुई थी. जिस रात विवाद हुआ, उसमें किसी तीसरे शख्स का जिक्र सामने आया है, जो साक्षी का रिश्तेदार बताया जा रहा है. इसी को लेकर झगड़ा बढ़ा था.

गोमती नदी में कई बार सर्च, फिर भी नतीजा शून्य
लखनऊ से गाजीपुर तक गोमती नदी में कई बार सर्च ऑपरेशन चलाया गया. गोताखोरों और एसडीआरएफ टीम ने भी नदी में घंटों तलाशी ली, लेकिन साक्षी का कोई पता नहीं चल पाया. लगातार प्रयासों के बावजूद पुलिस खाली हाथ है.

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रहस्य बना साक्षी का गायब होना
करीबी लोगों का कहना है कि साक्षी अपने परिवार को बिना बताए अचानक कहीं नहीं जा सकती. वहीं, पुलिस भी हर एंगल से जांच कर रही है. लेकिन 29 अगस्त की रात के बाद से साक्षी का रहस्यमय ढंग से गायब होना अब तक अनसुलझी पहेली बना हुआ है.

क्या होता है 112 में टेलीकॉलर का काम?
उत्तर प्रदेश में डायल–112 में कार्यरत टेलीकॉलर का काम जनता और पुलिस के बीच पहला संपर्क बिंदु बनने का होता है. टेलीकॉलर आपातकालीन कॉल्स जैसे अपराध, झगड़ा, दुर्घटना, महिला सुरक्षा या मेडिकल इमरजेंसी की कॉल रिसीव करते हैं. कॉल करने वाले से घटना की पूरी जानकारी लेकर उसे सिस्टम में दर्ज करते हैं और तुरंत नजदीकी पुलिस कंट्रोल रूम व PRV टीम को अलर्ट करते हैं. इसके साथ ही, वे कॉलर को ज़रूरी निर्देश देकर मदद आने तक गाइड करते हैं. हर कॉल का रिकॉर्ड और रिपोर्ट सुरक्षित रखना भी उनकी जिम्मेदारी होती है.

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