उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक मंदिर और एक मकबरे को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है. हिंदू पक्ष नवाब अब्दुल समद के मकबरे को प्राचीन शिव-ठाकुरजी का मंदिर बता रहा है और यहां पूजा-पाठ करने की इजाजत मांग रहा है. इस विवाद के बीच बीते दिनों मकबरे में घुसकर तोड़फोड़ की गई, जिसके बाद से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. मौके पर भारी फोर्स तैनात है. हिंदू पक्ष की अगुवाई भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने की थी. अब इन्हीं मुखलाल पाल का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें वह मकबरे के प्रतीकात्मक रूप की पूजा करते नजर आ रहे हैं.
दरअसल, जन्माष्टमी के मौके पर यूपी के फतेहपुर भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वीडियो में वह अपने घर पर मकबरे की तस्वीर के सामने आरती करते दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक कट्टर सनातनी होने के नाते वह विवादित स्थल (मकबरे) पर नहीं जा सकते थे, लिहाजा उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से अपने घर पर मकबरे की तस्वीर की पूजा की.
आपको बता दें कि यह मामला तब सुर्खियों में आया जब 11 अगस्त की रात हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता फतेहपुर के नवाब अब्दुल समद के मकबरे में घुस गए और वहां स्थित कब्रों को क्षतिग्रस्त कर दिया. उनका दावा था कि यह स्थान वास्तव में एक प्राचीन हिंदू मंदिर का स्थल है और उन्हें यहां पूजा करने की अनुमति मिलनी चाहिए. घटना के बाद स्थानीय थाने में 10 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.
यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया. उन्होंने सवाल किया कि जब भाजपा जिलाध्यक्ष का नाम वीडियो में स्पष्ट तौर पर सामने है, तब उनका नाम एफआईआर में क्यों शामिल नहीं किया गया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि प्रशासन इस पूरे मामले में पक्षपात कर रहा है. देखें वीडियो-
मालूम हो कि फतेहपुर जिले के अबूनगर क्षेत्र में स्थित यह मकबरा लंबे समय से विवाद का केंद्र रहा है. इतिहासकारों के अनुसार यह स्थल मुगलकालीन है और यहां औरंगज़ेब के एक फौजदार अब्दुस समद की कब्र है. वहीं कुछ हिंदूवादी संगठन इसे हिंदू धार्मिक स्थल बताते आए हैं. पिछले कुछ वर्षों में इस मुद्दे पर समय-समय पर तनाव और टकराव देखने को मिले हैं.
सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रयागराज के संभागीय आयुक्त विजय विश्वास पंत को जांच का जिम्मा सौंपा है. वह पुलिस महानिरीक्षक अजय मिश्रा के साथ शनिवार को घटनास्थल पर पहुंचे और जिला प्रशासन तथा पुलिस अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की. अब आयोग की रिपोर्ट का इंतजार है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी.