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15 साल से कथावाचन, आठ भाई और गुरु अवधेश यादव से दीक्षा... पिता ने सुनाई मुकुटमणि के 'चमत्कारी' जीवन की कहानी    

मुकुट मणि का घर इटावा के थाना सिविल लाइन के अंतर्गत जवाहरपुरा गांव में है. उनके पिता रामप्रकाश यादव ने बताया कि उनके आठ बच्चे हैं जिसमें सबसे बड़ा मुकुट मणि है. वह यह पिछले 15 साल से कथावाचक का काम कर रहा है. पिता ने बताया कि इन्होंने गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत अछल्दा के पास किसी गांव में अवधेश यादव को अपना गुरु बनाया है. उन्हीं से कथा सीखी है.

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कथावाचक मुकुटमणि यादव
कथावाचक मुकुटमणि यादव

इटावा के कथावाचक मुकुटमणि यादव और उनके सहायक संत यादव इन दिनों चर्चा में हैं. दोनों के साथ गांव में कथा कहने के दौरान जाति पूछकर मारपीट की गई. बाल काटे गए और आरोप है कि महिला का मूत्र तक छिड़के गए. बवाल बढ़ने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दोनों को लखनऊ बुलाकर सम्मानित किया. आजतक की टीम दोनों के गांव पहुंची और घर वालों से बातचीत की.   

मुकुट मणि का घर इटावा के थाना सिविल लाइन के अंतर्गत जवाहरपुरा गांव में है. उनके पिता रामप्रकाश यादव ने बताया कि उनके आठ बच्चे हैं जिसमें सबसे बड़ा मुकुट मणि है. वह यह पिछले 15 साल से कथावाचक का काम कर रहा है. पिता ने बताया कि इन्होंने गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत अछल्दा के पास किसी गांव में अवधेश यादव को अपना गुरु बनाया है. उन्हीं से कथा सीखी है. इसके बाद से वह यह काम कर रहे हैं. गांव-गांव जाकर कथा कहते हैं, पिता राम प्रकाश ने बताया कि बेटे की चोटी काटने की घटना  से वह बहुत आहत और परेशान है. पिता का कहना है कि मैं ही नहीं पूरा गांव इस समय बहुत अचंभित है.

मुकुट मणि के छोटे भाई रंजीत यादव ने भी बताया कि बड़े भैया  पिछले 15 साल से कथा कह रहे हैं. उनके साथ ऐसा व्यवहार कभी कहीं नहीं हुआ. उनके साथ हुई इस घटना का वीडियो मैंने जब से मोबाइल पर देखा तब से मन परेशान है और सब लोग आक्रोशित हैं. 

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जन्म से ही दिव्यांग हैं श्याम जी 

मुकुट मणि के साथ श्याम जी कठेरिया एक साल से उनके साथ कार्यक्रमों में ढोलक बजाया करते हैं. दोनों आंखों से दिव्यांग श्याम जी की माता कुशमा ने बताया बेटा जन्म से ही दिव्यांग है. श्याम जी की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से हुई. इसके बाद उनको औरैया में दिव्यांग स्कूल में भेजा गया. जहां श्याम जी ने अपनी पढ़ाई की. स्कूल में ही श्याम जी ने ढोलक बजाना सीखा. माता कुशमा ने बताया कि  लगभग एक साल से मुकुट मणि के साथ जाकर प्रोग्राम में ढोलक बजाया करते हैं. इसके एवज में मुकुट मणि उनको पैसा देते थे. जिससे उनके घर का खर्चा चलता है. 

अखिलेश यादव ने तीनों को लखनऊ बुलाकर सम्मानित किया

बायोलॉजी से बीएससी किए हैं सन्त यादव 

मुकुटमणि यादव के साथ रह गए सहायक का काम करने वाले संत यादव ने बताया की उन्होंने बायोलॉजी से बीएससी किया है. पहले टीचर की जॉब करते थे. लेकिन कोरोना के बाद शिक्षण कार्य छोड़कर कथावाचक मुकुट मणि के संपर्क में आ गए और उनके सहायक आचार्य बन गए. संत यादव ने कहा कि मुझे संस्कृत पढ़ना आता है, इसलिए मैंने कथा क्षेत्र में आने का निर्णय किया. सरस्वती ज्ञान मंदिर स्कूल में पढ़ाया है, जिसके चलते आचार्य कहलाने लगा. क्योंकि, वहां टीचरों को आचार्य ही कहा जाता है. मगर कुछ लोगों ने बीते दिनों जो हमारे साथ किया वो ताउम्र याद रहेगा. ये बात बोलते हुए संत यादव रो पड़ते हैं. 

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यह है पूरा मामला: 

पिछले दिनों दांदरपुर गांव में यादव कथावाचक मुकुट मणि यादव और उसके सहयोगी संत कुमार यादव के साथ मारपीट की गई थी. संत यादव की चोटी भी काट दी गई थी. आरोप ब्राह्मण समाज के लोगों पर लगा था. पुलिस ने इस मामले में चार युवकों को गिरफ्तार किया था. दूसरी तरफ अब कथावाचक और उनके सहयोगी के खिलाफ भी फर्जी आधार कार्ड और धोखेबाजी का केस दर्ज किया गया है.

इसके विरोध में थाना बकेवर क्षेत्र के गांव दांदरपुर में बीते गुरुवार को भारी बवाल हुआ. गांव में घुसने से रोकने पर 'अहीर रेजीमेंट' और 'यादव महासभा' के लोगों ने पुलिसवालों पर पथराव किया. अपने बचाव में पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी. इस घटना के बाद इलाके का माहौल तनावपूर्ण हो गया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अब तक 19 बवाली गिरफ्तार किए जा चुके हैं. 13 गाड़ियां सीज की गई हैं. इसके साथ ही दांदरपुर गांव में कई थानों की फोर्स तैनात की गई है. वहीं, वीडियो में कैद हुए बवालियों की तलाश में जगह-जगह छापेमारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि 26 जून को बकेवर थाना क्षेत्र इलाके में एकत्रित हुई हजारों की भीड़ में दूसरे जिलों से भी लोग आए थे. 

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