यूपी के बांदा में पुलिसकर्मियों ने मानवता की मिसाल पेश की है, जिसे देखकर सभी लोग सैल्यूट कर रहे हैं. यहां एक मासूम जो गंभीर बीमारी से ग्रसित था और अस्पताल में भर्ती था. उसे O+ ब्लड की जरूरत थी, लेकिन उसके पिता नहीं थे. इतना ही नहीं बच्चे की मां मूकबधिर और नानी को कानों से सुनाई नहीं देता था. जब अन्य परिजनों ने जिला अस्पताल में पता किया तो ब्लड बैंक में O+ ग्रुप का ब्लड नहीं था.
जब वाट्सएप ग्रुप में O+ ब्लड की जरूरत के बारे में मैसेज किया गया तो यूपी पुलिस के दो दारोगाओं ने पढ़ा और तत्काल थाने से ब्लड देने जिला अस्पताल पहुंच गए. दोनों में एक थाना प्रभारी हैं, दूसरे चौकी प्रभारी. जिससे मासूम की जान बच सकी. जिसने भी देखा पुलिसकर्मियों की जमकर तारीफ की. बीमार बच्चे का इलाज जारी है.
बच्चे में थी ब्लड की कमी
हमीरपुर जिले के सिसोलर गांव के रहने वाले 10 वर्षीय अमन कुमार गंभीर बीमारी से पीड़ित था, रिश्ते के लोग बांदा के जिला अस्पताल लेकर आए, जहां डॉक्टरों ने जांच और चेकअप के बाद खून की कमी बताया और खून की व्यवस्था करने को कहा. जिला अस्पताल में O+ ब्लड उपलब्ध नहीं था, इधर मासूम एक अनाथ जैसे था क्योंकि उसकी मां मूकबधिर थी, पिता की पहले मौत हो चुकी थी, नानी को सुनाई नहीं देता था, जिस कारण मासूम परेशान हुआ, जिसके बाद मुंहबोले मामा ने स्थानीय लोगों को जानकारी दी, जिस पर सोशल मीडिया ग्रुप में ब्लड की डिमांड की गई. मैसेज वायरल हुआ, जिसके बाद थाना प्रभारी राधा कृष्ण तिवारी और चौकी इंचार्ज अर्पित पांडेय जिला अस्पताल ब्लड देने पहुंच गए. दोनों ने ब्लड दिया और उस पीड़ित बच्चे की जान बचाई. पड़ोसी मामा दिलीप ने बताया कि दो दारोगा जी ने ब्लड देकर हमारे बच्चे की जान बचाई है, उनकी जितनी तारीफ की जाए कम है, इस उम्र में ऐसे पुलिस वाले नहीं देखे.
सीएमएस ने क्या बताया?
CMS डॉक्टर आर के गुप्ता ने बताया कि कल एक अमन नाम के बच्चे को भर्ती किया गया था, जिसे बुखार था, ब्लड की कमी थी, प्लेटलेट्स भी कम थी. ब्लड की कमी के चलते बुखार नहीं उतर रहा था. मेरी निगरानी में इलाज किया जा रहा है. ब्लड बैंक से व्यवस्था करके उसको ब्लड चढ़ाया जा रहा है, आगे और भी जरूरत है तो उसको भी देने की प्रक्रिया की जा रही है. उसकी हालत में सुधार हो रहा है, अभी उसको भर्ती रखा गया है.
ब्लड देने वाले थाना प्रभारी ने क्या कहा?
थाना प्रभारी राधा कृष्ण तिवारी ने आजतक को बताया कि हमने ग्रुप में मैसेज पढ़ा, जिसमें लिखा था कि बच्चे को O+ ब्लड की सख्त जरूरत है, वरना उसकी जान खतरे में पड़ सकती थी. हमारा ब्लड इसी ग्रुप का था, जिला अस्पताल पहुंचे और मैंने और चौकी इंचार्ज अर्पित ने एक-एक यूनिट ब्लड डोनेट किया, इसके बाद बच्चे से हालचाल जाना. उसको ब्लड चढ़ रहा है. डॉक्टरों की निगरानी में इलाज किया जा रहा है.