उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में पुलिस की छवि पर दाग लगाने वाले एक मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. जरवा थाना में तैनात रहे दो सिपाहियों ध्रुव चंद्र और राजू यादव को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए जाने के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. यह कार्रवाई विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (गोरखपुर) द्वारा दोषी पाए जाने के बाद किया गया है.
अवैध वसूली के चक्कर में गई नौकरी
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक मामला 4 सितंबर 2023 का है, जब एक स्थानीय नागरिक ने आरोप लगाया था कि दोनों सिपाहियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उससे पैसे की अवैध वसूली की. शिकायत के आधार पर दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था. जांच के बाद मामला अदालत पहुंचा और 21 जनवरी 2025 को अदालत ने दोनों को दोषी करार दिया.
अदालत के फैसले के बाद बलरामपुर पुलिस ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ पुलिस अधिकारी (दंड-अपील) नियमावली के तहत विभागीय कार्रवाई करते हुए दोनों सिपाहियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया. यह कार्रवाई शनिवार को औपचारिक रूप से प्रभावी कर दी गई.
भ्रष्टाचार किसी कीमत पर भरोसा नहीं
एसपी विकस कुमार ने कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी विशेष रूप से पुलिस विभाग में तैनात कर्मियों द्वारा भ्रष्टाचार की घटना बेहद गंभीर आचरण का उल्लंघन है. उन्होंने कहा, पद का दुरुपयोग, अवैध वसूली या किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि में शामिल पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.'
स्थानीय लोगों ने भी इस कार्रवाई को महत्वपूर्ण कदम बताया है, क्योंकि कई बार पुलिस के निचले स्तर पर अवैध वसूली और पद के दुरुपयोग की शिकायतें सामने आती रहती हैं. लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों में ठोस कार्रवाई से जनता का विश्वास बढ़ता है और पुलिस की छवि बेहतर होती है.