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Ayodhya में राम भक्तों की खचाखच भीड़ के बीच मंदिर के अंदर भेजे गए ATS कमांडो, श्रद्धालुओं की आड़ में गड़बड़ी की आशंका

Ayodhya Ram Mandir Darshan: अयोध्या में रामलला के मंदिर में विराजमान होने के बाद उनके दर्शन के लिए रामभक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. इसी दौरान श्रद्धालुओं की आड़ में कोई गड़बड़ी न फैला सके इसलिए एटीएस कमांडो की टीम और RAF को चेकिंग और सुरक्षा के लिए मंदिर के अंदर भेजा गया है. भारी भीड़ को देखते हुए बाराबंकी पुलिस ने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए अयोध्या की ओर नहीं जाने की अपील की है.

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मंदिर के अंदर भेजे गए एटीएस कमांडो
मंदिर के अंदर भेजे गए एटीएस कमांडो

Ayodhya News: अयोध्या के दिव्य और भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला के विराजमान होने के बाद दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. भीड़ को संभालने में पुलिसवालों के भी पसीने छूट रहे हैं.

इस बीच मंदिर में बढ़ती भीड़ को देखकर ATS और RAF के जवानों को रामलला मंदिर के अंदर भेजा गया है. भारी भीड़ को देखते हुए कुछ देर के लिए रामलला के दर्शन को भी रोक दिया गया.

अयोध्या

श्रद्धालुओं की आड़ में कोई गड़बड़ी न फैला सके इसलिए एटीएस कमांडो की टीम और RAF को चेकिंग और सुरक्षा के लिए मंदिर के अंदर भेजा गया है. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में भक्तों का जन सैलाब उमड़ा हुआ और लोग सुबह से ही मंदिर में प्रवेश के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.

अयोध्या

बाराबंकी पुलिस ने श्रद्धालुओं से की अपील

बता दें कि अयोध्या में भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए आसपास के जिलों में भी पुलिस एक्टिव हो गई है.

अयोध्या से 60 किलोमीटर दूर बाराबंकी में पुलिस ने श्रद्धालुओं/दर्शनार्थियों से अपील की है कि अयोध्या धाम में श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने के कारण अयोध्या धाम न जाएं.  सभी प्रकार के वाहनों का मार्ग भी परिवर्तित किया गया है.

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अयोध्या

बता दें कि करीब 500 सालों बाद राललला अपने दिव्य और भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं. 22 जनवरी को करीब 8000 हजार वीआईपी की मौजूदगी में पीएम मोदी ने रामलला की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. उसके अगले ही दिन यानी कि 23 जनवरी को राम भक्तों के लिए मंदिर के दरवाजे खोल दिए गए.

प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला दिव्य-भव्य स्वरूप के साथ अब सभी के सामने हैं. रामलला को कई दिव्य आभूषणों और पौराणिक कथाओं में वर्णित उनके स्वरूप के आधार पर वस्त्रों से सुसज्जित किया गया है.
 
रामलला के आभूषणों का निर्माण अध्यात्म रामायण, श्रीमद् वाल्मीकि रामायण, श्रीरामचरितमानस तथा आलवन्दार स्तोत्र के अध्ययन और उनमें वर्णित श्रीराम की शास्त्रसम्मत शोभा के अनुरूप शोध और अध्ययन के बाद किया गया है.

भगवान राम के आभूषण बनाने में 15 किलो सोना और करीब 18 हजार हीरे और पन्ना का इस्तेमाल किया गया है. तिलक, मुकुट, 4 हार, कमरबंद, दो जोड़ी पायल, विजय माला, दो अंगूठी समेत कुल 14 आभूषण तैयार कराए गए हैं. ये आभूषण सिर्फ 12 दिन में बनकर तैयार हुए हैं.
 

 

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