scorecardresearch
 

MP: भूख से बिलबिलाता बुजुर्ग और कुत्ता, कूड़े के ढेर में खोजते द‍िखे खाना, वीड‍ियो वायरल

भूख शांत करने के लिए एक बुजुर्ग की ऐसी तस्वीर देख कर किसी का मन भी विचलित हो जाएगा. ऐसी ही समाज और सरकार को शर्मसार करने वाली तस्वीर मध्य प्रदेश के बैतूल में सामने आई है.

Advertisement
X
कूड़े के ढेर से झूठा खाना ढूंढते बुजुर्ग.
कूड़े के ढेर से झूठा खाना ढूंढते बुजुर्ग.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कूड़े के ढेर में पड़े खाने को खाते दिखे बुजुर्ग
  • समाजसेवी किसान ने बुजुर्ग को खाना खिलाया और पैसे देकर किया रवाना
  • प्रशासन को नहीं है पता कहां गए बुजुर्ग

भूख और लाचारी इंसान को क्या-क्या करने पर मजबूर कर देती है. यहां एक बुजुर्ग गंदगी और सड़ांध से बजबजाते कचरे के ढेर में खाना तलाश रहा था. वहीं, पास में एक कुत्ता भी नजर आ रहा है, वो भी खाने की तलाश में था. दोनों ही कचरे के ढेर में पड़े खाने को खाते नजर आ रहे हैं.

इस नजारे का एक समाजसेवी ने वीडियो बना कर वायरल किया और बुजुर्ग को खाना खिला कर मदद की. वीडियो गुरुवार शाम का है. यह वाकया मध्य प्रदेश के बैतूल ज‍िले में सामने आया है.

बैतूल की मुलताई तहसील की कन्या शाला के सामने का ये वाकया है. गुरुवार की शाम यहां कई दिन से भूखा एक बुजुर्ग सड़क किनारे फेंका हुआ सड़ा-गला खाना खा रहा था. इसी दौरान वहां से गुजर रहे एक समाजसेवी किसान की नज़र बुजुर्ग पर पड़ गई. 

बुजुर्ग को नहीं आती थी ह‍िंंदी  

यह देखकर समाजसेवी किसान राजेंद्र भार्गव भी स्तब्ध रह गए. उसने बुजुर्ग व्यक्ति को कचरे में फेंका हुआ खाना खाने से रोका और अपने पास बुलाया. बात करने पर मालूम हुआ कि बुजुर्ग व्यक्ति तमिलनाडु का रहने वाला है. उसे हिंदी नहीं आती थी और तम‍िल भाषा बोल रहा था. किसान उस बुजुर्ग व्यक्ति को अपने साथ होटल में ले गया, उसे भरपेट खाना खिलाया और कुछ पैसे दिए.

Advertisement

उससे बात करने पर एक चीज समझ समझ आई कि बुजुर्ग व्यक्ति चेन्नई जाना चाहता था. वो कौन है, कहां से आया है और कहां चला गया, इसका कुछ पता नहीं चल पा रहा है. हर गरीब को भोजन और सम्मान देने के तमाम सरकारी दावों पर ये तस्वीर सवाल खड़े कर रही है. वो भूखा बुजुर्ग मुलताई में कहां है, दोबारा ये जानने की कोशिश किसी भी समाजसेवी या किसी जनप्रतिनिधि ने नहीं की.

सरकार ने वृद्धजनों की मदद के लिए जारी क‍िया है हेल्पलाइन नंबर

सामाजिक न्याय कार्यालय बैतूल के उपसंचालक संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि जानकारी मीडिया से पता चली थी. अपने साथियों से पता करने के लिए बोला था. पता चला कि वे आईडेंटिफाई नहीं हो पा रहे हैं. जैसे ही आईडेंटिफाई होते हैं तो जो विभाग की तरफ से सहायता मिल सकेगी वह उन्हें मिल जाएगी. लगता है वे अपने राज्य को चले गए हैं. वैसे जिन्होंने भी प्रथम दृष्टया देखा था उन्हें नगर पालिका या जनपद के पास उनको पहुंचाना था. उनका कहना है कि सरकार ने वृद्धजनों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 14567 जारी किया है. अगर किसी को जरूरतमंद बुजर्ग मिलता है तो उसकी सूचना दे सकते हैं. 

 

Advertisement
Advertisement