ट्रांस्पोर्ट विभाग से पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग गाड़ियों के फर्जी कागजात बनाकर उन्हें बेचने की तैयारी में हैं, जिसके बाद पुलिस ने इस धरपकड़ को अंजाम दिया और गिरोह के चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया.
हैरानी की बात तो ये है कि वारसी के ससुर उत्तराखंड में एक दर्जा प्राप्त मंत्री हैं. हांलाकि सूत्रों की मानें तो वारसी की आपराधिक गतिविधियों के ही चलते अब वारसी के अपने ससुराल में संबंध खत्म हो चुके हैं. वारसी और उसका गिरोह महंगी गाड़ियों और यहां तक ट्रकों को भी ना सिर्फ चोरी करते थे, बल्कि चोरी किए गए ट्रकों को खरीदकर उनको बेचा भी करते थे.
ये गिरोह इतना खतरनाक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गिरोह के बारे में एक सूचना बुलंदशहर इलाके में पुलिस के मुखबिर ने पुलिस तक पहुंचाई, लेकिन उसके बाद उस मुखबिर को गिरोह के बदमाशों ने जलाकर मार दिया.
पुलिस ने गिरोह के कब्जे से करीब 16 महंगी लग्जरी गाड़ियों के अलावा चोरी के दो ट्रक तक बरामद किए हैं. पुलिस को उम्मीद है कि इस गिरोह से जुड़े कुछ नए खुलासे तफ्तीश के दौरान सामने आ सकते हैं.