एक ही स्क्रीन पर बहुत कुछ पाने की चाहत में दुनियाभर में बनी एप्लिकेशंस (ऐप्स) ने पहले मोबाइल फोन को स्मार्ट बनाया, अब टेलीविजन की बारी है. स्मार्टफोन के बाद स्मार्ट टीवी तेजी से बदलती डिजिटल लाइफस्टाइल का हिस्सा बन रहे हैं.
कंप्यूटर में टीवी या टीवी में कंप्यूटर का यह विराट स्वरूप है. अब बेहद स्लिम टेलीविजन की 3डी स्क्रीन पर बेहतरीन पिक्चर क्वालिटी के साथ मल्टीमीडिया कंप्यूटिंग, इंटरनेट सर्फिंग और स्मार्टफोन की ऐप्स जैसी कई सुविधाओं की वजह से स्मार्ट टीवी नई जीवनशैली का हिस्सा बन गए हैं.
क्या खास है स्मार्ट टीवी में? आम टीवी की तमाम खूबियों के अलावा स्मार्ट टीवी इंटरनेट कनेक्शन से जुड़ा पूरी तरह मल्टीमीडिया टीवी है. इसकी मेमोरी ड्राइव का इस्तेमाल करते हुए यूजर के लिए ढेरों ऑनलाइन एप्लिकेशंस, गेमिंग, वेब सर्फिंग, कंटेंट डाउनलोड करना, ऑनलाइन वीडियो देखना और कई किस्म का लोकल और ग्लोबल कंटेंट देखना संभव हो जाता है.
इन खूबियों के मद्देनजर, सोनी इंडिया में मार्केटिंग विभाग के जनरल मैनेजर तादातो किमुरा का कहना है, ‘युवाओं के लिए आज इंटरनेट और टेलीविजन मनोरंजन के दो अहम साधन हैं और इंटरनेट टीवी के रूप में इन दोनों का मेल निश्चित ही उन्हें आकर्षित करता है. इंटरनेट टीवी मल्टीमीडिया मनोरंजन के विकास की प्रक्रिया का अगला सबसे महत्वपूर्ण रुझान होगा.’
दरअसल, सैटेलाइट टीवी के सेटटॉप बॉक्स ने इसे चैनलों के विकल्पों और क्वालिटी के मामले में बेहतर बनाया, नए डिजाइन के स्लिम स्क्रीन टीवी का चलन बढ़ने से पिक्चर क्वालिटी बेहतर हुई, अब इंटरनेट और ढेरों एप्लिकेशंस के साथ जुड़ जाने के बाद टीवी सही मायने में स्मार्ट हो गया है.
सैमसंग इंडिया में वाइस प्रेसिडेंट और ऑडियो-वीडियो बिजनेस के हेड राज कुमार ऋषि का कहना है, ‘स्मार्ट टीवी ने हमारे घर में कई उपकरणों को साथ-साथ जोड़ दिया है. इससे टीवी देखने के अनुभव में क्रांतिकारी बदलाव आया है. बुनियादी तौर पर सूचनाओं और मनोरंजन का साधन टीवी अब ज्यादा खूबसूरत और स्मार्ट है. यह सारी दुनिया से बेहतर तरीके से जुड़ा हुआ है.’
स्मार्ट टीवी के रिमोट का बटन दबाते ही दुनियाभर के टीवी चैनल आपके सामने होते हैं, लेकिन अब टीवी में कंप्यूटर की सारी खूबियों के जुड़ने की वजह से स्काइप की वीडियो चैट, यूट्यूब के ऑनलाइन वीडियो, ईमेल से लेकर आपके काम और मनोरंजन से जुड़ी सारी चीजें टीवी पर भी मौजूद हैं. अब एजुकेशन, लर्निंग, गेम्स, हेल्थ और फिटनेस के अलावा लाइफस्टाइल से जुड़ी कई ऐप्स टीवी पर उपलब्ध हैं.
रोजमर्रा की जिंदगी में टेलीविजन की अहमियत के मद्देनजर सूचना और संचार टेक्नोलॉजी की सभी नई खोजों और खासियतों को इसमें जोड़ा जा रहा है.
पैनासॉनिक इंडिया के प्रबंध निदेशक मनीष शर्मा का कहना है, ‘स्मार्ट टीवी में सॉफ्टवेयर एप्लिकेशंस को साझा करने वाली क्लाउड कंप्यूटिंग आधारित सेवाओं का जुड़ना सबसे महत्वपूर्ण इनोवेशन है. इसके जरिए टेलीविजन देखते हुए दर्शक इंटरनेट और ऑनलाइन कम्युनिकेशन के जरिए तुरंत सारी दुनिया से जुड़ जाते हैं.’
भारत में टेलीविजन के प्रति उत्साहित लोगों की जिंदगी में स्मार्ट टीवी नए आयाम जोड़ रहा है और इसे देखते हुए टीवी के लिए कंटेंट बनाने वाले निर्माता और प्रसारण तथा टेक्नोलॉजी कंपनियां मिल-जुलकर काम कर रही हैं. शर्मा का कहना है, ‘इस किस्म का बिजनेस मॉडल 'कनेक्टेड टीवी' दर्शकों के लिए वास्तव में उपयोगी होने के साथ ही व्यावसायिक रूप से भी सफल होगा.’
शर्मा का यह भी कहना है कि भारत में इस समय स्मार्ट टीवी बाजार में 40 फीसदी टीवी सेट्स में 3डी फीचर्स हैं लेकिन 3डी कंटेंट बहुत कम मात्रा में उपलब्ध है.
कंटेंट की कमी को दूर करने और कंज्यूमर को विशेष सेवाएं देने के लिए टीवी निर्माता ऐसी कई कंपनियों के साथ अनुबंध कर रहे हैं जो ज्ञान, शिक्षा और मनोरंजन पर आधारित अच्छी क्वालिटी के टीवी कार्यक्रम, मल्टीमीडिया कंटेंट, रोमांचक गेम्स और दूसरी ऑनलाइन सेवाएं दे रहे हैं.
ऋषि मानते हैं कि महानगरों और बड़े शहरों में ऐप्लिकेशंस के इस्तेमाल के प्रति रुझान तेजी से बढ़ा है और इसी वजह से स्मार्ट टीवी यहां उपभोक्ताओं के लिए पसंद के साथ ही जरूरत के रूप में उभरेगा. लेकिन स्मार्ट टीवी की खूबियों को लेकर एलजी इंडिया में घरेलू मनोरंजन विभाग के निदेशक एस.एच. पार्क का मानना है कि कंज्यूमर ने अब तक स्मार्ट टीवी फंक्शंस को महज अतिरिक्त फीचर्स के रूप में देखा है, ‘हमारा ध्यान अगली पीढ़ी की 3डी टेक्नोलॉजी-3डी एमपीआर पर है.’
स्मार्ट टीवी की कीमत भारत में 14,600 रु. से शुरू होती है जो बड़ी स्क्रीन के मामले में 5 लाख रु. तक हो सकती है. स्मार्ट टीवी ने अपनी उपस्थिति अच्छी तरह दर्ज कराई और 2011 में फ्लैट पैनल टीवी में 10 फीसदी स्मार्ट टीवी बिके. प्रमुख कंपनियों का कहना है कि नई टेक्नोलॉजी के आने और एप्लिकेशंस, गेम्स, स्ट्रीमिंग वीडियो के साथ ही लोकल कंटेंट बढ़ने के कारण 30-40 फीसदी महंगे होने के बावजूद कंज्यूमर स्मार्ट टीवी को तरजीह देने लगे हैं.
स्मार्ट टीवी के आने से पहले ही टेलीविजन सेट में डिजाइन और बिजली की खपत घटाने के मामले में अच्छा काम हुआ है. तरह-तरह के एलईडी, ओएलईडी और पतले फ्लैट स्क्रीन के कारण कंज्यूमर की दिलचस्पी नई टेक्नोलॉजी में बढ़ी है. टीवी उद्योग 2012 में स्मार्ट टीवी की बिक्री के दोगुनी होने की उम्मीद कर रहा है.
किमुरा का कहना है, ‘इंटरनेट टीवी में असीमित सूचनाओं की मौजूदगी इसकी सबसे बड़ी खूबी है. इसलिए यह टेक्नोलॉजी निश्चित रूप से सबको अपनी तरफ खींचेगी.’ ऋषि बताते हैं, ‘भारत में ऐसे कंज्यूमर्स तेजी से बढ़ रहे हैं जो बेहतर कनेक्टिविटी और मनोरंजन वाले गैजेट्स अपनाना चाहते हैं.’
पार्क बताते हैं, ‘कंज्यूमर के सुकून पर खास ध्यान है. अब 3डी चश्मा सिर्फ 16 ग्राम का है और मैजिक मोशन रिमोट कंट्रोल के जरिए सारी दुनिया के कंटेंट तक पहुंच आसान है.’ इन्टेल की चिप और ऐपल के सेट टॉप बॉक्स के अलावा कई दूसरी कंपनियां भी ऐसे बक्सों के जरिए टेलीविजन को स्मार्ट बना रही हैं. ऐसी कोशिशों से आपका टीवी और स्मार्ट हो जाएगा.