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खत्म हो गया है कैप्टन कूल धोनी का 'मिडास टच'!

इंग्लैंड के हाथों घरेलू सरजमीं पर लगातार दो टेस्ट मैचों में शिकस्त से ना सिर्फ भारतीय क्रिकेट टीम की कमियां उजागर हुई हैं बल्कि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की नेतृत्व क्षमता और बल्लेबाजी फॉर्म पर भी सवाल उठने लगे हैं. भाग्य के धनी माने जाने वाले धोनी का भाग्य लग रहा है उनसे रूठ सा गया है.

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एम एस धोनी
एम एस धोनी

इंग्लैंड के हाथों घरेलू सरजमीं पर लगातार दो टेस्ट मैचों में शिकस्त से ना सिर्फ भारतीय क्रिकेट टीम की कमियां उजागर हुई हैं बल्कि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की नेतृत्व क्षमता और बल्लेबाजी फॉर्म पर भी सवाल उठने लगे हैं. भाग्य के धनी माने जाने वाले धोनी का भाग्य लग रहा है उनसे रूठ सा गया है.

अपनी कप्तानी में टीम को 2007 टी-20 वर्ल्ड कप जिताने के बाद से ही धोनी को ‘कैप्टन कूल’ की उपमा मिली थी लेकिन पिछले कुछ साल में टेस्ट मैचों में खराब नतीजों के बाद उनकी लोकप्रियता कम हुई है.

इंग्लैंड के हाथों मौजूदा घरेलू सीरीज में लगातार दो शिकस्त से राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे मध्यक्रम के दो धाकड़ बल्लेबाजों के संन्यास के बाद भारतीय बल्लेबाजी की कमजोरियां भी उजागर हुई हैं.

सचिन तेंदुलकर की खराब फॉर्म से भी भारत की मुश्किलें बढ़ी हैं जबकि अन्य अनुभवी बल्लेबाज भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं. धोनी ने ऐसे में सार्वजनिक तौर पर ऐसे विकेट बनाने की मांग कर डाली जो पहले दिन से ही स्पिन के अनुकूल हों लेकिन उनकी यह मांग भी उलट पड़ गई क्योंकि इंग्लैंड की तैयारी बेहतर थी.

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मुंबई और कोलकाता में शिकस्त के बाद भारत के पास सीरीज को ड्रॉ कराने के लिए नागपुर में चौथे और अंतिम टेस्ट में जीत दर्ज करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है. पिछले दो साल में हालांकि धोनी का कप्तान के रूप में रिकार्ड अच्छा नहीं रहा है. इस दौरान भारत के जीतने का प्रतिशत 33.33 रहा.

इस दौरान खेले गए 21 टेस्ट में से भारत ने सात में जीत दर्ज की जबकि 10 मैचों में उसे शिकस्त का सामना करना पड़ा. चार टेस्ट ड्रॉ छूटे, यह आंकड़े उस टीम के लिए निराशाजनक हैं जो कुछ समय पहले आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर थी.

इन सात में से भी पांच जीत भारत ने घरेलू सरजमीं पर दर्ज की जिससे टीम की मौजूदा फॉर्म का पता चलता है. विदेशी सरजमीं पर धोनी की अगुवाई में इस दौरान भारत ने आठ मैच गंवाए और सिर्फ दो में जीत दर्ज की. मौजूदा सीरीज में धोनी ने 18.40 की औसत से रन बनाए हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 52 रहा.

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