भारत के पास एक से एक खतरनाक और दुश्मनों के होश ठिकाने लगाने वाले मिसाइल हैं फिर भी अग्नि-5 की भारत को सख्त जरूरत थी. अब न चीन भारत को आंख दिखा पाएगा और न कोई और दूसरा मुल्क.
भारत के रक्षा तरकश में पृथ्वी, आकाश, नाग, त्रिशूल, निर्भय, ब्रह्मोस जैसी न जाने कितनी खतरनाक और दुश्मनों को धूल चटाने वाली मिसाइलें हैं. लेकिन भारत को इंतजार उस ब्रह्मास्त्र का था जिसे दुनिया देखती रह जाए और उसके बाद भारत का लोहा माने. अब वो जरूरत पूरा करेगी भारत की पहली इंटर कॉन्टिनेन्टल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5.
ये करीब 10 साल का फासला है जब भारत की ताकत अग्नि-1 मिसाइल से अब अग्नि-5 मिसाइल तक पहुंची है. 2002 में सफल परीक्षण की रेखा पार करने वाली अग्नि-1 मिसाइल मध्यम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल थी.
इसकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर थी और इससे 1000 किलो तक के परमाणु हथियार ढोए जा सकते थे. फिर आई अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 मिसाइलें. ये तीनों इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइलें हैं. इनकी मारक क्षमता 2000 से 3500 किलोमीटर है. और अब भारत का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया है.
अग्नि-5 भारत की पहली अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है. यह मिसाइल 5000 किलोमीटर का सफर तय कर दुश्मनों के होश ठिकाने लगा सकती है. यह मिसाइल करीब एक टन का पे-लोड ले जाने में सक्षम होगा. खुद अग्नि 5 मिसाइल का वजन करीब 50 टन है. अग्नि-5 की लंबाई 17 मीटर और चौड़ाई 2 मीटर है. अग्नि 5 सोलिड फ्यूल की 3 चरणों वाली मिसाइल है.