सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट ही नहीं बल्कि दुनिया के चार सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में रखते हुए उनके पूर्व कोच गोपाल बोस ने गुरुवार को कहा कि प्रिंस ऑफ कोलकाता में बेहतरीन क्रिकेट प्रशासक बनने के सारे गुण है और भविष्य में उन्हें बीसीसीआई में शीर्ष पद संभालना चाहिये.
सौरव के जन्मदिन के मौके पर उनके पहले कोच बोस ने कहा, ‘सौरव को भारत का ही सर्वश्रेष्ठ कप्तान कहना सही नहीं है बल्कि वह दुनिया के चार सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से हैं जिसमें इमरान खान, अर्जुन रणतुंगा और इयान चैपल शामिल है.’ उन्होंने कहा कि सौरव कप्तान नहीं बल्कि हमेशा टीम का अगुवा रहा है. उन्होंने कहा, ‘कप्तान वह होता है जिसे चयनकर्ता टीम की बागडोर थमाते हैं.
सौरव कभी कप्तान नहीं रहा बल्कि वह टीम का अगुवा रहा. उसने मोर्चे से कमान संभाली है और यह गुण मैने किसी अन्य भारतीय कप्तान में नहीं देखा.’ भारतीय क्रिकेट के सफलतम कप्तानों में शुमार गांगुली ने 1996 से 2008 तक के अपने टेस्ट कैरियर में 113 मैच खेलकर 7212 रन बनाये. इसके अलावा 311 एक दिवसीय मैचों में उन्होंने 11363 रन जोड़े जिसमें 22 शतक और 72 अर्धशतक शामिल हैं. {mospagebreak}
एक दिवसीय क्रिकेट में 10000 का आंकड़ा पार करने वाले वह पांचवें क्रिकेटर हैं. दो साल पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले सौरव ने उस समय टीम की कप्तानी संभाली थी जब भारतीय क्रिकेट मैच फिक्सिंग जैसी त्रासदी से जूझ रहा था. बोस ने कहा, ‘जिस समय सौरव कप्तान बना, उस समय भारतीय क्रिकेट का भविष्य अंधकारमय था. उसने संकट से निकालकर टीम में आक्रामकता भरी और 2003 विश्व कप के फाइनल तक पहुंचाया.
भारतीय क्रिकेट में उसका योगदान अतुलनीय है.’ उन्होंने कहा कि सौरव बहुमुखी प्रतिभा का धनी है और भविष्य में खेल के संचालन में काफी अहम भूमिका निभा सकता है. इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि वह बंगाल क्रिकेट संघ के मार्फत बीसीसीआई तक पहुंचे. वह बहुत कामयाब क्रिकेट प्रशासक साबित होगा. मैं उससे इस बारे में बात करूंगा.’
सौरव के क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उनके कैब अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की अटकलें लगने लगी थी. उनके पूर्व संरक्षक और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया कैब अध्यक्ष बने. फुटबाल के शौकीन सौरव इन दिनों विश्व कप का लुत्फ उठाने दक्षिण अफ्रीका गए हैं हालांकि उनकी दोनों पसंदीदा टीमें बाहर हो चुकी हैं.
बोस ने बताया, ‘सौरव फुटबाल का दीवाना है. वह पहले फुटबालर ही बनना चाहता था. अभी भी फुटबाल देखने का कोई मौका वह नहीं छोड़ता. ब्राजील और अर्जेंटीना उसकी पसंदीदा टीमें हैं लेकिन दोनों बाहर हो चुकी है. मुझे लगता है कि वह स्पेन का समर्थन कर रहा होगा जिसकी तकनीक के आज सभी कायल हो गए हैं.’