scorecardresearch
 

मुर्री ब्रूअरी... पाकिस्तान में सिर्फ इसकी शराब ही पी सकते हैं, क्या है इसकी कहानी?

पाकिस्तान की एक मात्र शराब बनाने वाली कंपनी को निर्यात लाइसेंस मिल गया है. पहले इसे सिर्फ पाकिस्तान में ही सीमित तरीके से शराब बेचने की परमिशन थी. ऐसे में 165 साल पुरानी इस कंपनी को अपना अस्तित्व बचाए रखने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. जानते हैं क्या है इस मुर्री ब्रूअरी की कहानी.

Advertisement
X
पाकिस्तान में 160 साल से सिर्फ एक ही कंपनी शराब बना रही है (Photo - Pixabay)
पाकिस्तान में 160 साल से सिर्फ एक ही कंपनी शराब बना रही है (Photo - Pixabay)

पाकिस्तान की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी शराब बनाने वाली कंपनी को अपनी 165 साल पुरानी शराब की विरासत को आगे बढ़ाने का नया रास्ता मिल गया है. जिस देश में गैर-मुसलमानों को छोड़कर सभी के  लिए शराब प्रतिबंधित है. वहां खुद का अस्तित्व बरकरार रखना किसी शराब बनाने वाली कंपनी के लिए चुनौती से कम नहीं है. 

ऐसे में पाकिस्तान की सबसे पुरानी शराब बनाने वाली कंपनी मुर्री ब्रूअरी को नया निर्यात लाइसेंस मिलना उसके लिए संजीवनी के समान है. मुर्री ब्रूअरी एशिया की सबसे पुरानी शराब बनाने वाली कंपनियों में से एक है. इसे एक इस्लामी देश में शराब निर्माण के लिए व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा था. इसके सामने काफी चुनौतियां आई. काफी समय से मुर्री ब्रूअरी दूसरे देशों में अपने उत्पाद को निर्यात करने की अनुमति चाहती थी, लेकिन हमेशा से अड़चनों ने रास्ता रोक रखा था. कई बार आवेदन करने के बावजूद, कंपनी वर्षों तक अपने उत्पादों का निर्यात करने में असमर्थ रही. 

अंग्रेजों ने शुरू करवाई था मुर्री ब्रूअरी
ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 1860 में स्थापित मुर्री ब्रूअरी मूल रूप से ब्रिटिश सैनिकों और अधिकारियों की सेवा के लिए बनाई गई थी. एपी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के अध्यक्ष इस्फान्यार बंधारा इसे चलाने वाले तीसरी पीढ़ी के सदस्य हैं. उन्होंने बताया कि हमारा पारिवारिक व्यवसाय 165 साल पुराना है. मेरे 2200 कर्मचारी हैं. कंपनी ने अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए नॉन अल्कोहलिक ड्रिंक्स जैसे एनर्जी ड्रिंक्स, जूस और माल्टेड पेय बनाने का भी काम शुरू कर दिया था.

Advertisement

काफी दबाव और आलोचना के बावजूद चलता रहा कारोबार 
क्योंकि, सिर्फ पाकिस्तान में शराब बेचकर कंपनी को बचाए रखना संभव नहीं था. वर्षों से आलोचनाओं और सख्त नियमों के बावजूद यह एक इस्लामिक देश में  अपना व्यापार करती रही. सरकार ने इस कंपनी को परेशान करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. पाकिस्तान सरकार ने भारी टैक्स लगाए, फिर भी कंपनी चलती रही. 

सरकार को कंपनी देती है अच्छा खासा टैक्स 
एपी न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार शराब बनाने वाली कंपनी के अल्कोहल की कीमतें, बिक्री केंद्र और टारगेट  कंज्यू्मर बेस तय करती है. पिछले साल सरकार ने कंपनी के राजस्व से कर के रूप में 35 मिलियन डॉलर काट लिए. कंपनी पाकिस्तान के भीतर अपने मादक पेय पदार्थों का विज्ञापन नहीं कर सकती और न ही इस व्यवसाय का विस्तार कर सकती है. ऑनलाइन खरीदारी की सुविधा उपलब्ध नहीं है.

मुर्री के बदले एक चीन कंपनी को दे दिया लाइसेंस
मुर्री का मामला 2017 में तब सुर्खियों में आया जब एक चीनी कंपनी द्वारा संचालित हुई कोस्टल ब्रूअरी एंड डिस्टिलरी को पाकिस्तान में मुख्य रूप से प्रमुख परियोजनाओं से जुड़े चीनी श्रमिकों को शराब उपलब्ध कराने के लिए पाकिस्तान में कारोबार की करने की अनुमति दी गई थी.

ऐसे मिला शराब एक्सपोर्ट लाइसेंस 
इसके बाद, मुर्री ब्रूअरी ने अपना निर्यात लाइसेंस प्राप्त करने के लिए एक लंबा प्रयास शुरू किया. इस प्रक्रिया में कई साल लग गए, जिसके बाद आखिरकार मंजूरी मिली. कंपनी के प्रमुख इस्फ़ान्यार बंधारा ने बताया कि उनके दादा और पिता द्वारा निर्यात की अनुमति प्राप्त करने के कई प्रयास असफल रहे.

Advertisement

अब इन देशों में शराब बेच सकेगी कंपनी
कंपनी के शराब निर्यात करने पर  प्रतिबंध से पहले, रावलपिंडी स्थित मुर्री ब्रूअरी भारत, अमेरिका, अफगानिस्तान और खाड़ी देशों को निर्यात करती थी. अब फिर से नए लाइसेंस के साथ, कंपनी ने जापान, ब्रिटेन और पुर्तगाल सहित कई देशों को सीमित निर्यात शुरू कर दिया है. इसके अलावा, कंपनी यूरोप, एशिया और अफ्रीका में भी निर्यात के अवसरों की तलाश कर रही है.

पाकिस्तान में बैन है शराब
पाकिस्तान, एक इस्लामी गणराज्य है और यहां 1970 के दशक में मुसलमानों के लिए शराब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. पाकिस्तान में शराब एक दुर्लभ वस्तु है. यहां तक ​​कि रेड वाइन विनेगर जैसी खाना पकाने की सामग्री और खांसी की दवा जैसी आवश्यक चीजें खरीदना भी मुश्किल है, क्योंकि इनमें अल्कोहल की मात्रा, चाहे कितनी भी कम क्यों न हो, पाई जाती है. पांच सितारा होटल कमरे में परोसे जाने वाले भोजन के मेनू में चुपके से ड्रिंक्स का मेनू दिया जाता है. बड़े रेस्टोरेंट में शराब को चायदानी जैसे किसी सीक्रेट बर्तन में परोसा जाता है. 

पाकिस्तान में ऐसे खरीद सकते हैं शराब
गैर-मुस्लिम - चाहे वे देश के नागरिक हों या विदेशी - शराब का लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं. इससे उन्हें सीमित मात्रा में शराब खरीदने की अनुमति मिल जाती है. राजनयिक और संभ्रांत वर्ग शराब के बड़े स्रोत होते हैं. इनके पास अच्छी तरह से भरी हुई अलमारियां होती हैं और कभी-कभी तो पूरा कमरा शराब के लिए समर्पित होता है.

Advertisement

गैर-मुस्लिम चलाते हैं शराब की दुकान
कुछ प्रांतों में शराब की दुकानें भी हैं, लेकिन ये दुकानें गैर-मुस्लिमों द्वारा चलाई जाती हैं. कुछ शराब की दुकानें गोपनीयता बनाए रखने के लिए ग्राहकों को उनकी कारों में बैठकर ही शराब पहुंचाती हैं। होम डिलीवरी की सुविधा भी उपलब्ध है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement