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मां ने एक दिन के बच्चे को सड़क पर छोड़ा, लिखा रुला देने वाला खत...

एक दिन के बच्‍चे को उसकी मां ने छोड़ दिया, वह भी 12 डिग्री से कम के तापमान में. यह मामला अमेरिका के अलास्‍का में सामने आया है. बच्‍चे के पास एक लैटर भी मिला है. जो सोशल मीडिया पर वायरल है.

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सांकेतिक फोटो (गेटी)
सांकेतिक फोटो (गेटी)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जन्‍म के बाद बच्‍चे को मां ने लावारिस छोड़ा
  • मां का कहना था कि वह बच्‍चे को खिला नहीं सकती
  • अमेरिका के अलास्‍का का है मामला

कहते हैं औलाद कैसी भी हो सकती है, लेकिन मां हमेशा बड़े दिल की होती है. वह कभी भी अपनी औलाद का बुरा नहीं चाह सकती, कैसी भी परिस्थिति हो वह उसको अपनी जान से और दुनिया से भी ज्‍यादा प्‍यार करती है. लेकिन कई बार मजबूरी से भरे ऐसे किस्से भी सामने आते हैं, जिनमें स्थिति अलग होती है.

ऐसी ही एक घटना अमेरिका के अलास्‍का में सामने आई है. इस घटना का एक वीडियो भी फेसबुक पर वायरल हो गया है. बच्‍चा एक लैटर के साथ निर्जन स्‍थान में गत्‍ते के डब्‍बे में पड़ा हुआ मिला. बच्‍चे को उसकी मां कड़कड़ाती ठंड में छोड़कर चली गई. जिस समय ये बच्‍चा मिला उस समय तापमान 12 डिग्री से भी कम था. मां ने बच्‍चे को ठीक उसी दिन अपने से अलग कर दिया, जिस दिन वो पैदा हुआ था. 

न्‍यूयॉर्क पोस्‍ट के अनुसार, न्‍यू ईयर से एक दिन पहले यानि 31 दिसंबर को बच्‍चे के पास से उसकी मां की राइटिंग में लिखा हुआ ये लैटर मिला है. जिसमें मां ने लिखा कि वह अपने बच्‍चे को खिला नहीं सकती है. इस बारे में अलास्‍का स्‍टेट ट्रूपर्स की ओर से बयान भी जारी हुआ, जिसमें उन्‍होंने बच्‍चे के मिलने की जानकारी शेयर की. यह बच्‍चा फेयरबैंक्‍स की रहने वाली रोक्‍सी लेन को मिला. उन्‍होंने ही बच्‍चे का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया. बच्‍चे को फिलहाल पास के ईएमएस अस्‍पताल में भर्ती कर दिया गया है. 

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क्‍या लिखा है लैटर में

बच्‍चे की मां ने जो बातें लैटर में लिखी हैं, वह हम आपको बता देते हैं. इसमें बच्‍चे के हवाले से लिखा है, 'मेरी मदद करो, मेरा जन्‍म 31 दिसंबर को 12वें सप्‍ताह में हुआ. मेरे माता-पिता और दादा-दादी के पास मुझे खिलाने के लिए पैसा नहीं है. मेरा मां बहुत दुखी है. मुझे कोई अपने साथ ले चलो ताकि मुझे भी एक अच्‍छा परिवार मिल जाए, मेरे मां बाप आपसे प्रार्थना कर रहे हैं, मेरा नाम तेशावन है'.

वहीं बच्‍चे का वीडियो शेयर करने वाली लेन ने फेसबुक पर लिखा कि बच्‍चे के मां बाप को शायद अलास्‍का के Safe Haven Law के बारे में जानकारी नहीं होगी. जिसमें अगर कोई अभिभावक अपने बच्‍चे को नहीं रखना चाहता है तो उसे नजदीकी अस्‍पताल में भेज सकता है. वहीं उसे चर्च, पुलिस या फायर स्‍टेशन या अस्‍पताल में जाकर दे सकता है. उन्‍होंने बताया कि आज मैंने एक बच्‍चे की जिदंगी बचा ली. 

 

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