scorecardresearch
 

JNU के मेस में दाल-रोटी हुई महंगी, विरोध में उतरे छात्र संगठन

27 फरवरी को जारी हुए इस नोटिफिकेशन में मेस सिक्योरिटी(रिफंडेबल)/मेस एडवांस राशि को 2700 से बढ़ाकर को 4500 रुपये कर दिया गया है. वहीं प्रति सेमेस्टर लगने वाले इस्टेब्लिशमेंट चार्ज को 550 से बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया गया है. साथ ही बरतन आदि के इस्तेमाल करने पर लगने वाले सालाना चार्ज को 50 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये किया गया है. वहीं न्यूजपेपर के लिए अब स्टूडेंट्स को 15 रुपये की जगह 50 रुपये देने होंगे.

Advertisement
X
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रशासन के एक और फैसले ने वहां के स्टूडेंट्स को नाराज कर दिया है.जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में मेस संबंधी कई चार्ज बढ़ाने का नोटिफिकेशन जारी हुआ है. इस वजह से वहां के छात्र नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. नोटिफिकेशन के अनुसार कई चार्ज में 100 प्रतिशत से लेकर 1900 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है.

27 फरवरी को जारी हुए इस नोटिफिकेशन में मेस सिक्योरिटी(रिफंडेबल)/मेस एडवांस राशि को 2700 से बढ़ाकर को 4500 रुपये कर दिया गया है. वहीं प्रति सेमेस्टर लगने वाले इस्टेब्लिशमेंट चार्ज को 550 से बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया गया है. साथ ही बरतन आदि के इस्तेमाल करने पर लगने वाले सालाना चार्ज को 50 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये किया गया है. वहीं न्यूजपेपर के लिए अब स्टूडेंट्स को 15 रुपये की जगह 50 रुपये देने होंगे.

Advertisement

सबसे ज्यादा 1900 प्रतिशत की बढ़ोतरी मेस बिल को जमा करने पर देरी होने पर लगने वाले चार्ज पर की गई है. अब 1 रुपये की जगह इसके लिए 20 रुपये प्रति दिन की दर से भुगतान करना होगा. वहीं इसके अलावा मेस से जुड़े गेस्ट चार्ज और ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर से जुड़े कई अन्य चार्जों को भी बढ़ाया गया है.

पीटीआई के अनुसार स्टूडेंट डीन ने इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया. नोटिफिकेशन में यह चार्ज 1 जनवरी 2018 से लागू होंगे.

प्रदर्शन की तैयारी

सूत्रों के अनुसार मेस चार्ज में बढ़ोतरी के खिलाफ स्टूडेंट मंगलवार दोपहर में डीन ऑफ स्टूडेंट्स के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर सकते हैं. जेएनयू में सभी छात्र दल इस बढ़ोतरी को गलत बता रहे हैं और प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं. राइंट विंग छात्र संगठन एबीवीपी और लेफ्ट संगठन दोनों मंगलवार दोपहर में इस नोटिफिकेशन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे.

एबीवीपी से जुड़े एक छात्र के अनुसार प्रशासन की तरफ से उठाया गया यह फैसला छात्रों के हितों के खिलाफ है. इससे छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. खासकर ऐसे संस्थान जहां गरीब, दलित, आदिवासी स्टूडेंट देशभर से पढ़ने आते हों, उनके लिए इस तरह चार्ज बढ़ाने का यह फैसला सही नहीं है.

Advertisement

आपको बता दें कि इससे पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी विद्यार्थियों के लिए 75 फीसदी उपस्थिति आवश्यक करने के फैसले पर भी विवाद हुआ. वह विवाद अबतक थमा नहीं है कि एक और फैसले पर प्रशासन और स्टूडेंट्स की बीच ठनने जा रही है.

Advertisement
Advertisement