एक सरकारी बैंक कर्मचारी ने बताया कि एक दिन की बीमारी की छुट्टी लेने के बाद उन्हें मानव संसाधन विभाग से एक चेतावनी ईमेल प्राप्त हुआ. रेडिट के r/IndianWorkplace पर कर्मचारी ने ईमेल का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिसमें बताया गया था कि बिना पूर्व अनुमति के छुट्टी लेना आधिकारिक अनुशासन का गंभीर उल्लंघन माना जाता है. कर्मचारी ने बताया कि उसने सिर्फ एक दिन की बीमारी की छुट्टी ली थी, लेकिन इसके बाद बैंक के मानव संसाधन विभाग (HR) ने उसे चेतावनी वाला ईमेल भेज दिया. रेडिट के r/IndianWorkplace पर यह ईमेल का स्क्रीनशॉट काफी चर्चा में है.
तीन दिनों के अंदर मांगा लिखित स्पष्टीकरण
कर्मचारी ने बताया कि ईमेल में उनसे तीन दिनों के अंदर लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया हैं साथ ही यह भी लिखा था कि अगर उन्होंने जवाब नहीं दिया तो इसे ऐसा माना जाएगा कि उनका स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं है।. कर्मचारी ने कहा कि यह पढ़कर वह हैरान रह गए, क्योंकि उन्होंने तो सिर्फ एक दिन की बीमारी की छुट्टी ली थी. इस पोस्ट के बाद सरकारी नौकरियों में सख्त छुट्टी नियमों और कर्मचारियों पर पड़ने वाले दबावों को लेकर काफी चर्चा शुरू हो गई. इसी हफ्ते, एक और सरकारी बैंक कर्मचारी की रेडिट पोस्ट भी वायरल हुई, जिसमें उसने अपने संघर्षों के बारे में बताया और कहा कि इन्हीं वजहों से उसे नौकरी छोड़नी पड़ी.

'बैंकों में काम और जिंदगी का संतुलन नहीं'
रेडिट पर एक पोस्ट डाली गई जिसका टाइटल था – “सरकारी बैंकों में काम और जिंदगी का संतुलन नहीं है”. उसमें लिखा था: “मैंने सिर्फ एक दिन की बीमारी की छुट्टी ली, और अगले दिन मुझे चेतावनी वाला ईमेल मिला. जो लोग सोचते हैं कि भारत में सरकारी नौकरी सबसे अच्छा विकल्प है, उन्हें दोबारा सोचना चाहिए.” ईमेल के स्क्रीनशॉट से पता चला कि HR विभाग ने विषय पंक्ति में लिखा था – “बिना अनुमति छुट्टी पर जाने का स्पष्टीकरण”. ईमेल में यह भी कहा गया कि ऐसा करना जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाही और अनुशासन की अवहेलना माना जाएगा.