भगवान शिव को मुस्लिमों का पहला पैगंबर बताने वाले जमीयत ए उलेमा के मुफ्ती मोहम्मद इलियास अब मुसीबत में पड़ते नजर आ रहे हैं. उन्होंने ये बयान 18 फरवरी के दिन अयोध्या में एक कार्यक्रम के दौरान दिया था. उनके इस बयान ने उसी दिन से विवाद मचा रखा. जहां बाबा रामदेव ने उनका समर्थन किया वहीं तमाम लोग उनके इस बयान की आलोचना कर रहे हैं.
दैनिक भास्कर में छपी खबर के अनुसार उनकी आलोचना करने वालों की कड़ी में अब एक और नाम जुड़ गया है. ऑल इंडिया फैजान-ए-मदीना काउंसिल के अध्यक्ष मुईन सिद्दिकी उनके बयान की आलोचना करते हुए मुफ्ती इलियास का सिर कलम करने तक की बात कह डाली. साथ ही उन्होंने इस काम को करने वाले को एक लाख 786 रुपये का इनाम देने का एलान किया है.
फतवा जारी करने वाले मुईन सिद्दिकी ने रविवार को कहा कि मुफ्ती इलियास राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के इशारे पर शरीयत के खिलाफ उलटा-सीधा बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की बेकार की बयानबाजी से उन्हें से काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है.फतवे में मुफ्ती इलियास को हिदायत दी कि यदि उनके पास कोई जानकारी है, तो कुरान और शरीयत के हिसाब से दें. बिना सोचे-समझे कोई बयान न दें.
मौलाना ने अपने विवादित बयान में कहा था कि मुसलमान भी सनातन धर्मी है और हिंदुओं के देवता शंकर और पार्वती हमारे भी मां-बाप हैं, उन्होंने आरएसएस के हिंदू राष्ट्र वाली बात पर कहा कि मुस्लिम हिंदू राष्ट्र के विरोधी नहीं हैं.
मुफ्ती मोहम्मद इलियास ने कहा कि जिस तरह से चीन में रहने वाला चीनी, अमेरिका में रहने वाला अमेरिकी है, उसी तरह से हिंदुस्तान में रहने वाला हर शख्स हिंदू है यह तो हमारा मुल्की नाम है उन्होंने कहा कि जब हमारे मां-बाप, खून और मुल्क एक है तो इस लिहाज से हमारा धर्म भी एक है.