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डीएनए के रूप में बन रहा कोरोना का वैक्सीन, वायरस को करेगा कन्फ्यूज

यह डीएनए वैक्सीन, कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को पहचानकर वैसे ही प्रोटीन का निर्माण कर वायरस को भ्रम में डाल देंगे जिसके बाद जैसे ही वायरस उस प्रोटीन के समीप जाएंगे तो वह वैक्सीन के प्रभाव से निष्क्रिय हो जाएगें.

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प्रतीकात्मक फोटो (Reuters)
प्रतीकात्मक फोटो (Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमेरिकी फर्म इनोवियो ने किया कोरोना वैक्सीन का दावा
  • 94 फीसदी मिली सफलता, 40 लोगों पर टेस्ट

कोरोना वैक्सीन के कहर से बचने के लिए दुनियाभर में वैक्सीन बनाने के प्रयास चल रहे हैं. इसी बीच एक अमेरिकी फर्म इनोवियो ने दावा किया है किINO-4800 नाम की वैक्सीन का 40 लोगों पर ट्रायल किया गया जो 94 फीसदी सफल रहा.

न्यूज वेबसाइट टाइम्स नाऊ न्यूज डॉट कॉम के अुनसार, इस क्लीनिकल ट्रायल के दौरान 18 से 50 साल की उम्र के बीच के 40 लोगों को चुना गया और इन्हें वैक्सीन का टीका लगाया गया. इन सभी लोगों को चार हफ्ते में वैक्सीन के दो इंजेक्शन दिए गए. परीक्षण में पता चला कि इस वैक्सीन ने सभी की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा दी और किसी पर प्रतिकूल असर भी नहीं पड़ा.

कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के अनुसार, 10 जनवरी को चीन के रिसर्चरों ने कोरोना वायरल का जेनेटिक कोड जारी किया तो टीम ने उस सीक्वेंस को सॉफ्टवेयर की जरिए कोड किया और फिर वैक्सीन का फॉर्मूला तैयार कर लिया.

यह डीएनए वैक्सीन, कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को पहचानकर वैसे ही प्रोटीन का निर्माण कर वायरस को भ्रम में डाल देंगे जिसके बाद जैसे ही वायरस उस प्रोटीन के समीप जाएंगे तो वह वैक्सीन के प्रभाव से निष्क्रिय हो जाएगा.

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इसमें स्पाइक प्रोटीन से मानव शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होगा. वैक्सीन से स्पाइक प्रोटीन का निर्माण होगा तो शरीर उसे वायरस समझकर ज्यादा संख्या में एंटीबॉडी बनाएगा. इस प्रोटीन से शरीर को कोई नुकसान नहीं होगा जबकि कोरोना वायरस इससे नष्ट हो जाएगा.

तीन चरणों में मानव पर ट्रायल सफल होने के बाद उसे संबंधित देश के दवा नियामक आयोग के पास भेज दिया जाएगा जिसके बाद उस देश की सरकार वैक्सीन से जुड़े हर पहलू का गंभीरता और बारीकी से अध्ययन करेगी.

इस दौरान यह देखा जाता है कि वैक्सीन का मानव पर कोई साइड इफेक्ट तो नहीं हो रहा. उसके बाद ही इसे उत्पादन की मंजूरी मिलती है. इस प्रक्रिया में 3 से 4 महीने लगते हैं. चूंकि अभी कोरोना महामारी भयानक स्तर पर है इसलिए 2 महीने में भी यह वैक्सीन आ सकती है.

बता दें कि इस समय कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया में पांव पसार लिए हैं जिसकी जद में पूरी दुनिया आ चुकी है. इस बीमारी से एक करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं तो वहीं पांच लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. अमेरिका में ही 27 लाख से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हैं तो वहीं मौतों की संख्या एक लाख तीस हजार से पार है.

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