
यही है भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती कि राजा हो या रंक देश के किसी भी लोकतांत्रिक पद पर काबिज हो सकता है. भारतीय लोकतंत्र की इसी खूबसूरती के कारण बिहार में हो रहे पंचायत चुनाव के दूसरे चरण की मतगणना समाप्त होने के बाद ये तस्वीर जमुई जिला में सामने आयी है. जहां दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करने वाली समाज के एक निचले पायदान की महिला पंचायत की मुखिया बन गई है.
ये महिला जो दिन भर ईंट-भट्टे या खेतों में काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करती थी वो अब मुखिया पद का शपथ ग्रहण करने के बाद दूसरों को रोजगार देगी और पंचायत का विकास करेगी. उनका सपना है अपनी पंचायत को आदर्श पंचायत बनाने का.
बिहार में पंचायत चुनाव जारी है और दूसरे चरण के रिजल्ट आ रहे हैं. जमुई जिले के दो प्रखंडों में 26 पंचायतों का परिणाम आ चुके हैं. 26 पंचायतों में से मतदाताओं ने 24 पंचायतों के वर्तमान मुखिया को घर का रास्ता दिखा दिया और इन 24 पंचायतों में नए मुखिया को पंचायतों में कार्य करने और विकास करने की जिम्मेदारी दी है.
गरीबी को बहुत नजदीक से देखा
इसी में से एक मुखिया ऐसी भी है जो दिनभर दिहाड़ी की मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करती थी और मजदूरी से वो जो कमाकर लाती थी उसी से उसके घर में चूल्हा जलता था.
ये हैं दिहाड़ी पर काम करने वाली नवनिर्वाचित मुखिया रेखा देवी जो काफी कुछ बोल भी नहीं पाती लेकिन पंचायत में विकास के कामों को अंजाम देने का जज्बा इनके दिलों में कूट-कूट कर भरा है.
इनका कहना है कि गरीबी को बहुत ही नजदीक से देखा है इसलिए गरीबों को उनका हक दिलाना ही बतौर मुखिया पहली प्राथमिकता होगी. वो गांव और पंचायत के लिए विकास का काम करेंगी.

मुखिया रेखा देवी के गांव तक जाने के लिए पक्की सड़क तक नहीं हैं. वो गांव की सड़कों का निर्माण कराने की बात भी करती हैं, साथ ही ये भी कहती हैं कि हर गरीब को पक्का मकान और बच्चों को पढ़ने के स्कूल की व्यवस्था वो करेंगी.
सहौड़ा पंचायत की मुखिया रेखा देवी पंचायत चुनाव में पांच प्रत्याशियों को पराजित कर विजयी हुई हैं. महिला ने मुखिया चुनाव में 1612 मत हासिल कर अपने निकटतम प्रत्याशी को 437 मतों से पराजित किया है. रेखा देवी के मुखिया बनने से उनके समुदाय के लोगों में भी काफी उल्लास है और उनका कहना है कि वो समाज के विकास के लिए काफी काम करेंगी ऐसा उनका विश्वास है.
इनपुट-जमुई से राकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट