क्रिस्टियानो रोनाल्डो, बेहतरीन फुटबॉल खेलते हैं. बॉल का बस एक बार उनके कब्जे में आना और पैरों में फंसना है. सामने वाली टीम लाख जतन कर ले. खूब पसीना बहा ले. शायद ही किसी में उनसे बॉल छीन लेने का कौशल हो. फ़िलहाल रोनाल्डो, सऊदी अरब के प्रोफेशनल फुटबॉल क्लब अल नासर की कप्तानी संभाल रहे हैं. अभी बीते दिन ही रोनाल्डो की टीम सऊदी के ही एक अन्य क्लब अल ताई को हराने में कामियाब हुई मगर ये मुकाबला विवादों की भेंट चढ़ गया है. अल ताई के स्टार फुटबॉलर अब्दुलअज़ीज़ अल-हराबी ने मैचों के समय को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए और उस मजे का स्वाद किरकिरा कर दिया है, जिसे जीत के बाद रोनाल्डो और उनकी टीम ले रही थी.
अल नासर से मिली हार के बाद अल-हराबी ने कहा है कि मैच का समय बदला जाना चाहिए. इसकी वजह बताते हुए अल हराबी ने कहा कि सऊदी अरब मुस्लिम बहुल देश है और चूंकि सऊदी में एसपीएल मैच शाम 6 बजे के आसपास होते हैं, इसलिए वे मगरिब की नमाज को प्रभावित कर सकते हैं.
अल-हरबी ने चिंता व्यक्त की कि जिस समय खिलाड़ी ग्राउंड पर होते हैं ठीक उसी समय मस्जिदों से अजान होती है. जो कहीं न कहीं खिलाड़ियों के गेम को प्रभावित करती है इसलिए मैच टाइमिंग को बदल दिया जाना चाहिए. X पर एक पोस्ट में अल-हरबी ने कहा है, 'हम एक मुस्लिम देश में हैं, इसलिए जब मुअज़्ज़िन (मस्जिद से अजान देने वाला) बुला रहा हो तो खेलने का कोई मतलब नहीं है.
साथ ही अपने पोस्ट में उन्होंने ये भी उम्मीद जताई है कि आयोजनकर्ता मैच के समय की समीक्षा करेंगे. गौरतलब है कि अल नासर की जीत के बाद आए इस बयान ने खेल के समय और धार्मिक प्रथाओं के बीच टकराव को लेकर चर्चा छेड़ दी है.
अल-हराबी के इस आह्वान के बाद आयोजक क्या फैसला लेते हैं? इसका जवाब तो वक़्त देगा. मगर जिस तरह खेल में धर्म का मुद्दा उठाया गया है सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की शुरुआत हो गई है. तमाम यूजर्स हैं जो कह रहे हैं कि एक मुल्क के रूप में सऊदी अपने को कितना भी मॉडर्न क्यों न दर्शा ले लेकिन उसके अंदर फैले कट्टरपंथ की जड़ें काफी गहरी हैं. वहीं ऐसे भी यूजर्स हैं जो अल-हरबी की बातों को जायज ठहरा रहे हैं और उसका समर्थन कर रहे हैं.