केंद्रीय मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की तैयारी पूरी हो चुकी है जिसमें कम से कम 10 नये चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना है. साथ ही, कुछ राज्यमंत्रियों की पदोन्नति हो सकती है और आनंद शर्मा को विदेश मंत्रालय का जिम्मा दिया जा सकता है.
गुलाम नबी आजाद के स्वास्थ्य मंत्रालय से पेट्रोलियम मंत्रालय में जाने की संभावना है. वह एस जयपाल रेड्डी की जगह ले सकते हैं जिन्हें मानव संसाधन मंत्रालय भेजा सा सकता है.
कपिल सिब्बल के मानव संसाधन विकास मंत्रालय छोड़ने और टेलीकॉम पास में रखने की उम्मीद है.
फेरबदल में कई राज्यमंत्रियों की पदोन्नति हो सकती है. पिछले आठ वषरें से एचआरडी मंत्रालय में राज्यमंत्री एनटीआर की बेटी डी पुरंदेश्वरी को वाणिज्य मंत्रालय दिया जा सकता है जो फिलहाल आनंद शर्मा के जिम्मे है.
59 साल के शर्मा को कृष्णा की जगह विदेश मंत्रालय का कार्यभार सौंपे जाने की संभावना है. वह संप्रग एक में विदेश मंत्रालय में राज्यमंत्री रह चुके हैं.
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री की दौड़ में पिछड़ने और बागी तेवर अपनाने वाले कृषि राज्यमंत्री हरीश रावत को कैबिनेट पद दिया जा सकता है. उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय सौंपा जा सकता है.
कैबिनेट में शामिल होने वाले नये चेहरों में अदाकार से नेता बने चिरंजीवी (आंध्र प्रदेश), मनीष तिवारी (पंजाब), ए एच खान चौधरी, प्रदीप भट्टाचार्य और दीपा दासमुंशी (पश्चिम बंगाल), तारिक अनवर (महाराष्ट्र), प्रदीप बालमुचू (झारखंड), के रहमान खान (कर्नाटक) और प्रदीप मांझी (ओडिशा) शामिल हैं. पुरंदेश्वरी और अजय माकन को भी कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है. सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया और मिलिंद देवड़ा को भी राज्यमंत्री से पदोन्नति दी जा सकती है.
मंत्रिमंडलीय फेरबदल से पहले कैबिनेट मंत्रियों एस एम कृष्णा (विदेश), अंबिका सोनी (सूचना प्रसारण), मुकुल वासनिक (सामाजिक न्याय) और सुबोध कांत सहाय (पर्यटन) तथा राज्य मंत्री महादेव खंडेला (आदिवासी मामले), अगाथा संगमा (ग्रामीण विकास राज्य मंत्री) और विंसेंट पॉल (जल संसाधन एवं अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री) ने इस्तीफे दिये. कृष्णा को छोड़ बाकी सभी ने आज अपने इस्तीफे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपे.
शुरूआत में ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है लेकिन अब इसकी संभावना नहीं नजर आ रही हैं. उन्हें पार्टी में ही बड़ी भूमिका दी जा सकती है और संभव है कि वह कार्यकारी अध्यक्ष बना दिये जाएं. शहरी विकास मंत्री कमलनाथ को संसदीय कार्य मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया जा सकता है. इस समय यह मंत्रालय पवन कुमार बंसल के पास है.
छह बार सांसद रहे राकांपा के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है और उन्हें उनके पार्टी प्रमुख शरद पवार के तहत कृषि मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया जा सकता है.
मंत्रिमंडलीय विस्तार के अलावा कांग्रेस में संगठन के स्तर पर भी कई परिवर्तन होने की उम्मीद है. इस्तीफा देने के बाद सोनी, वासनिक और सहाय ने कहा कि वे पार्टी के लिए काम करेंगे. सोनी कई साल तक कांग्रेस महासचिव रह चुकी हैं. वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की राजनीतिक सचिव भी रही हैं.
मुकुल वासनिक केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस महासचिव दोनों ही जिम्मेदारियां निभा रहे थे. कोयला ब्लॉक आवंटन में सहाय विवादों के घेरे में आये थे. उन पर आरोप लगा कि उन्होंने झारखंड की एक कंपनी को कोयला ब्लॉक आवंटित करने की सिफारिश की है. इस कंपनी में उनके भाई निदेशक हैं.
गौरतलब है कि संप्रग सरकार से तृणमूल कांग्रेस की समर्थन वापसी के बाद उसके सभी छह मंत्रियों ने और द्रमुक से ए राजा और दयानिधि मारन ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. पृथ्वीराज चव्हाण को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाये जाने, वीरभद्र सिंह के कथित भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इस्तीफा देने और विलास राव देशमुख के निधन और प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रपति चुने जाने के कारण भी रिक्तियां हैं.