सुप्रीम कोर्ट ने तुलसीराम प्रजापति फर्जी मुठभेड़ मामले की जांच पूरी करने और आरोप पत्र दायर करने के लिए शुक्रवार को दो सप्ताह की मोहलत दे दी. न्यायामूर्ति बी.एस. चौहान की अध्यता वाली पीठ ने जांच एजेंसी से यह भी कहा कि यह अंतिम मोहलत होगी.
सीबीआई के अनुसार, तुलसीराम प्रजापति गुजरात पुलिस द्वारा किए गए सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी के अपहरण का प्रत्यक्षदर्शी था. अपहरण 2005 में उस समय हुआ था,
जब वे हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे.
सीबीआई ने अंतिम रपट तैयार करने के लिए और मामले में आरोप पत्र दाखिल करने के लिए एक महीने का समय मांगा है.
सीबीआई ने कहा कि मुख्य जांच अधिकारी के बदलने के कारण समय विस्तार जरूरी हो गया है. सीबीआई ने कहा है कि पूर्व जांच अधिकारी की जगह सीबीआई के पुलिस अधीक्षक संदीप
तमगादे ने कार्यभार सम्भाला है.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष आठ अप्रैल को प्रजापति की मां नर्मदा बाई की याचिका पर जांच सीबीआई को सौंप दी है.