अपने जमाने के सुपरस्टार राजेश खन्ना का अंतिम संस्कार उनके नाती अरव द्वारा गुरुवार को विले पार्ले शमशान घाट में किया गया. इस मौके पर मौजूद उनके परिवार के सदस्यों, दोस्तों और प्रशंसकों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी.
राजेश के नौ वर्षीय नाती ने अपने अभिनेता पिता अक्षय कुमार के साथ उनकी चिता को आग दी. अक्षय उनकी बड़ी बेटी ट्विंकल खन्ना के पति हैं. वर्ष 1969 में शोहरत हासिल कर लाखों दिलों के चेहते बनने वाले सुपरस्टार पंच तत्व में विलीन हो गए.
अपने परिवार और दोस्तों द्वारा काका कहकर पुकारे जाने वाले राजेश का बुधवार सुबह लीवर के संक्रमण की वजह से निधन हो गया था. वह 69 वर्ष के थे.
उनकी अंतिम यात्रा में भी लोगों में वहीं उन्माद देखने को मिला, जो वर्ष 1970 में उनके स्टारडम हासिल करने के बाद था.
बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश की अंतिम यात्रा उनके बांद्रा स्थित निवास 'आशीर्वाद' से लगभग 10 बजे शुरू हुई. उनके पार्थिव शरीर को पारदर्शी ताबूत में सफेद फूलों से सजे मिनी ट्रक में रखा गया था और उनके साथ भारी भीड़ चल रही थी.
सुपरस्टार के परिवार के सदस्यों, दोस्तों, प्रशंसकों और फिल्मी बिरादारी सहित हजारों लोगों ने राजेश को नम आंखों से विदाई दी.
अभिनेता की अंतिम यात्रा उनके बांद्रा स्थित निवास से शुरू होकर कार्टर रोड, टर्नर रोड़ और एस. वी. रोड़ होते हुए शमशान घाट पहुंची. वैसे यात्रा को लंबे रास्ते से निकाले जाने की योजना थी, लेकिन बारिश की वजह से इसे छोटा कर दिया गया.
परंतु यह उनके प्रशंसको की बड़ी भीड़ को नहीं रोक सकी. यह वैसी ही विदाई थी, जिसके राजेश योग्य थे.
अभिनेता की अंतिम यात्रा में उनसे अलग रही पत्नी डिंपल कपाड़िया, उनकी छोटी बेटी रिंकी और दामाद अक्षय कुमार उनके साथ रहे. डिंपल ने अंतिम दिनों में राजेश की खासी देखभाल की थी. गर्भवती होने के कारण ट्विंकल यात्रा में शामिल नहीं हो पाई.
हिन्दी फिल्म उद्योग की हस्तियों में अमिताभ बच्चन, उनके बेटे अभिषेक बच्चन, सुधीर मिश्रा, करण जौहर, रानी मुखर्जी, साजिद खान, विनोद खन्ना और आदेश श्रीवास्तव अंतिम संस्कार के वक्त उपस्थित रहे.
राजेश ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत वर्ष 1966 में फिल्म 'आखिरी खत' से की थी. इसके बाद उन्होंने 'अराधना', 'कटी पतंग', 'अमर प्रेम' और 'आनंद' जैसी फिल्मों से शोहरत हासिल की.
महानायक अमिताभ बच्चन के अनुसार राजेश के अंतिम शब्द 'टाइम टू पैक अप' थे.