सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि अगर सरकार टीम अन्ना द्वारा बताए गए 14 कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच नहीं करेगी तो वह 25 जुलाई से राष्ट्रीय राजधानी में धरने पर बैठेंगे जबकि उनके करीबी सहयोगी अनिश्चितकालीन अनशन करेंगे.
हजारे ने कहा, ‘मेरी टीम उपवास करेगी और मैं उनका समर्थन करने के लिए वहां रहुंगा, हम राष्ट्रव्यापी उपवास करेंगे.’ उन्होंने कहा कि उनका स्वास्थ्य उपवास की अनुमति नहीं देता लेकिन यदि स्वास्थ्य अच्छा रहा तो वह निश्चित ही अपनी टीम के साथ भूख हड़ताल पर बैठेंगे.
टीम अन्ना के एक सदस्य ने कहा कि यह फैसला इसलिए किया गया क्योंकि उन्हें लगता है कि सरकार यथाशीघ्र लोकपाल विधेयक संसद में पेश करने को लेकर गंभीर नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘वे लोकपाल कानून इसलिए नहीं ला रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि अगर इसे लाएंगे तो कई मंत्री जेल में होंगे. हमने उन्हें 14 मंत्रियों के नाम दिए हैं. उन्हें जांच करने दीजिए. अगर उनके खिलाफ मामला है तो उन्हें मंत्रिमंडल से हटाएं. अगर वे उन्हें मंत्रिमंडल से नहीं हटाते हैं और कार्रवाई नही करते हैं तो हम 25 जुलाई से अपना आंदोलन शुरू करेंगे.’
उन्होंने कहा कि हजारे अनशन नहीं करेंगे लेकिन वह धरना देंगे जबकि टीम अन्ना के अन्य सदस्य अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठेंगे.
अन्ना हजारे ने गत 25 मार्च को मांग की थी कि संप्रग के 14 ‘भ्रष्ट’ कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ अगस्त तक प्राथमिकी दर्ज की जाए. ऐसा नहीं करने पर वह जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे. प्रदर्शन के दौरान केजरीवाल ने कैबिनेट मंत्रियों समेत करीब 25 भ्रष्ट नेताओं का नाम लिया था.