टाडा अदालत ने दो दशक पुराने हत्या के एक मामले में उल्फा अध्यक्ष अरविन्द राजखोवा और 7 अन्य को बरी कर दिया है.
अदालत ने शिवसागर के व्यवसायी एवं राजनीतिज्ञ बिजोय एम बरुआ तथा उनके दो अंगरक्षकों की हत्या से संबंधित मामले में राजखोवा, उल्फा उपाध्यक्ष प्रदीप गोगोई और उल्फा के छह अन्य पूर्व कैडरों को शनिवार को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एच शर्मा के नेतृत्व में विशेष अदालत कर रही थी. बरुआ और दो अन्य की संदिग्ध उल्फा उग्रवादियों ने उपरी असम के शिवसागर जिले में जनवरी 1990 में गोली मारकर हत्या कर दी थी.
पुलिस ने जांच के बाद आठ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए थे. राजखोवा और गोगोई के अतिरिक्त उल्फा के छह अन्य कैडर..जुगल किशोर महंत, कुशल देउरी, सौरव गोगाई, विनोद फुकन, चित्रा दिहिंगिया और मोनी गोहाइन थे.
सरकार के साथ वार्ता के लिए राजखोवा और गोगोई ने उल्फा के वार्ता समर्थक धड़े का नेतृत्व किया था और सरकार के साथ एक औपचारिक समझौता किया था.