उत्तरी मुरमान्स्क क्षेत्र में एक रूसी परमाणु पनडुब्बी में आग लगने के कारण उससे निकले जहरीले धुएं से नौ लोग बीमार हो गए. अधिकारियों का कहना है कि किसी प्रकार का विकिरण नहीं हुआ है और उन्होंने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. पनडुब्बी के आग को बुझा लिया गया है.
कुल 11, 740 टन वजनी येकतेरिनबर्ग परमाणु पनडुब्बी को मरम्मत के लिए उत्तरी मुरमान्स्क क्षेत्र में स्थित गोदी में लाया गया था. गुरुवार को मरम्मत के दौरान इसमें आग लग गयी और दूर दूर तक आसमान में आग की लपटें देखी गयीं.
सूत्रों ने आपातकालीन मामलों के मंत्री सेरगी शोइगु के हवाले से खबर दी है कि आग बुझा ली गई हैः अधिकारियों ने बताया कि विकिरण को कोई खतरा नहीं है क्योंकि परमाणु पनडुब्बी के दोनों परमाणु संयंत्र उसकी मरम्मत आरंभ करने से पहले ही बंद कर दिए गए थे. राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव ने महाअभियोजक कार्यालय को इस मामले की विस्तृत जांच करने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देने का आदेश दिया है.
इसके अलावा राष्ट्रपति मेदवेदेव ने उप प्रधानमंत्रियों इगोर सेचिन और दमित्री रोगोजीन को निर्देश दिया है कि वह क्षतिग्रस्त पनडुब्बी को ठीक कराने के लिए सभी संभव कदम उठाएं. रूसी मीडिया की खबर के मुताबिक, आग बुझाते वक्त धुएं की चपेट में आने से नौ लोग बीमार हो गए हैं. उनमें से सात कर्मचारी और दो आपालकाल मंत्रालय के अधिकारी हैं. सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
रूस के नार्दन फ्लीट के प्रवक्ता कैप्टन रैंक वादीम सेरगा ने पहले कहा था कि पनडुब्बी के चारों ओर बने लकड़ी के ढ़ाचे में आग लग गई थी जो कि उसके बाहरी ढ़ांचे पर फैल गई. डेल्टा-क्लास की इस पनडुब्बी का बाहरी हिस्सा विशेष रबड़ से बना हुआ है. यह रबड़ सोनार से निकलने वाली ध्वनि को सोख लेता है और पनडुब्बी की स्थिति पता लगाने से रोकता है. लेकिन इस रब्बर में सूखे वातावरण में आग लग सकती है. सोनार पनडुब्बी का पता लगाने वाला उपकरण है.
के-84 येकतेरिनबर्ग परमाणु पनडुब्बी डेल्टा-4 क्लास की सात पनडुब्बियों में से एक है जो फिलहाल रूस को अपनी सेवाएं दे रही हैं. यह नार्दन फ्लीट में रूस की नौसेना की जान हैं. प्रत्येक पनडुब्बी की क्षमता 16 अंतर-महादेशिय बैलिस्टिक मिसाइलों की है.
अग्निशमन कर्मचारियों को पनडुब्बी में लगी आग को बुझाने के लिए नौ घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी. सूचना के अनुसार कुछ लोग अभी भी पनडुब्बी में मौजूद हैं लेकिन उनकी संख्या ज्ञात नहीं है. जांच समिति के प्रवक्ता ने बताया कि सैन्य जांचकर्ताओं ने लापरवाही के कारण सेना की संपति को क्षति पहुंचने के मामले में आपराधिक मुकदमा दर्ज कर लिया है.
समुद्र में तैरने वाले इस मरम्मत गोदी पर सामान्य मरम्मत कार्यों के दौरान आग से सुरक्षा के उचित उपाय नहीं किए जाने को आग लगने का प्राथमिक कारण माना जा रहा है.