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राष्ट्रपति चुनाव: प्रबल दावेदारों में प्रणब व कलाम

राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर गुरुवार को कांग्रेस का उसके सहयोगी दल तृणमूल कांग्रेस व सपा से टकराव साफ नजर आया और दोनों पक्षों के उम्मीदवारों के मुकाबले की संभावना बढ़ गयी.

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राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर गुरुवार को कांग्रेस का उसके सहयोगी दल तृणमूल कांग्रेस व सपा से टकराव साफ नजर आया और दोनों पक्षों के उम्मीदवारों के मुकाबले की संभावना बढ़ गयी. सत्तारूढ़ गठबंधन ने राष्ट्रपति पद के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम की संभावना से इनकार कर दिया वहीं ममता-मुलायम ने संकेत दिये कि वे झुकने वाले नहीं हैं.

संप्रग के संभावित उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी और दो क्षेत्रीय दलों तृणमूल कांग्रेस एवं सपा के समर्थन वाले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के बीच मुकाबले की तस्वीर नजर आने लगी है. हालांकि भाजपा, वाम दलों और अन्य कुछ दलों ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. कांग्रेस की ओर से प्रणब मुखर्जी की दावेदारी की खबरों के बीच गुरुवार रात राजनीतिक गलियारों में लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार का नाम भी सामने आया.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मुखर्जी, पी. चिदंबरम, एके एंटनी और अहमद पटेल ने इस मुद्दे पर रणनीति बनाने के लिहाज से चर्चा की. इस बाबत राकांपा और द्रमुक से बातचीत हो चुकी है जिन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन जताया है. हालांकि बाद में कांग्रेस के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केवल एक उम्मीदवार की ओर पार्टी का ध्यान है और वह मुखर्जी हैं.

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कांग्रेस ने तृणमूल-सपा से मुकाबले के संकेत दिये. इन दोनों दलों ने स्पष्ट किया कि वे कलाम के नाम का समर्थन कर रहे हैं. उधर पूर्व राष्ट्रपति कलाम ने इस मुद्दे पर देखो और इंतजार करो का रुख अख्तियार करने का निर्णय किया है.

सपा सूत्रों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने उनका नाम लेने से पहले उन्हें विश्वास में लिया था. लेकिन कलाम के करीबी सूत्र के अनुसार उनका मानना है कि वह तभी मैदान में आयेंगे जब उनके नाम पर आम सहमति हो. इस बीच ये भी संकेत हैं कि संप्रग के सहयोगी दल शुक्रवार को गठबंधन के एक उम्मीदवार का नाम तय करने के लिए एक साथ बैठेंगे.

तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने इसमें भाग नहीं लेने का फैसला किया है. राष्ट्रपति चुनाव की कवायद में कांग्रेस और ममता बनर्जी के बीच गतिरोध खुलकर सामने आ गया है. कांग्रेस ने जहां ममता पर शुक्रवार को सोनिया से बातचीत के बाद प्रणव और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के नामों का खुलासा करके मर्यादा तोड़ने का आरोप लगाया. वहीं तृणमूल ने कहा कि उन्होंने कोई विश्वासघात नहीं किया.

बढ़ते गतिरोध के बीच ममता ने कहा कि वह अपनी ओर से संप्रग सरकार को अस्थिर नहीं करना चाहतीं लेकिन दबाव में नहीं आएंगी. उन्होंने कहा कि वह संप्रग का साथ नहीं छोड़ेंगी लेकिन गेंद कांग्रेस के पाले में है. राजनीतिक गहमागहमी वाले गुरुवार के दिन की शुरूआत कांग्रेस पार्टी की ओर से आये कठोर बयान से हुई जिसमें ममता बनर्जी पर निशाना साधा गया.

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कांग्रेस ने तृणमूल-सपा के सुझाये तीनों नामों को खारिज कर दिया. इनमें प्रधानमंत्री के साथ पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी हैं. कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने इस बाबत ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘हम डॉक्टर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी से अलग नहीं कर सकते. अन्य दो नाम हमें स्वीकार्य नहीं हैं.’

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