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वर्तमान आर्थिक संकट 1991 की तरह नहीं: प्रणब

केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि विकास दर में तीव्र गिरावट, रुपये के मूल्य में रिकार्ड गिरावट और ऊंची महंगाई दर के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने 1991 की तरह का संकट नहीं है. उन्होंने सोमवार को कहा कि सरकार जल्द ही हालात सुधारने के योग्य हो जाएगी.

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प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी

केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि विकास दर में तीव्र गिरावट, रुपये के मूल्य में रिकार्ड गिरावट और ऊंची महंगाई दर के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने 1991 की तरह का संकट नहीं है. उन्होंने सोमवार को कहा कि सरकार जल्द ही हालात सुधारने के योग्य हो जाएगी.

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि यह बात मानने का कोई कारण नहीं है कि हम पुन: 1991 जैसी स्थिति का सामना करने जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि 1991 के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 17 दिन के आयात के लिए पर्याप्त था जबकि वर्तमान में विदेशी मुद्रा भंडार साढ़े सात महीनों के आयात के लिए पर्याप्त है. मुखर्जी ने कहा कि अन्य क्षेत्रों के लिहाज से भी 1991 की तरह की स्थिति नहीं है.

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वित्त मंत्री का बयान ऐसे समय पर आया है जब रुपये के मूल्य में अप्रत्याशित गिरावट आई है और अर्थव्यवस्था की विकास दर विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के कारण नौ वर्षो में सबसे कम रही है.

पिछले हफ्ते केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च को खत्म हुई तिमाही देश की विकास दर 5.3 फीसदी थी, जो पिछले नौ वर्षो में न्यूनतम है. इस तरह वित्तीय वर्ष 2011-12 के दौरान विकास दर 6.5 फीसदी थी, जबकि वैश्विक आर्थिक संकट के समय 2008-09 में यह 6.7 फीसदी थी.

मुखर्जी ने कहा कि उन्हें आशा है कि चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि यह सही नहीं है कि हम स्थितियों को सुधारने में सक्षम नहीं हैं. हम स्थितियों को सुधारने के लिए समक्ष होंगे.

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