राष्ट्रपति पद को लेकर प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी के कयासों को उस वक्त और समर्थन मिला जब वित्त मंत्री ने खुद लोकसभा में भाषण देते हुए यह कहा दिया कि शायद मैं यहां न रहूं.
प्रणबदा के इस बयान के साथ लोकसभा में मौजूद सभी सांसदों के चेहरे पर मुस्कान आ गई.हालांकि इसके बाद उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी कि उनके इस बयान को राष्ट्रपति चुनाव से न जोड़ा जाए.
वित्त विधेयक 2012 पर चर्चा के दौरान लोकसभा में सोमवार और मंगलवार दोनों दिन सदस्यों ने प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनने की संभावना पर बधाई दी जिसके बाद चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह निश्चित तौर पर कहीं नहीं जा रहे हैं.
प्रणब ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक और जीएसटी विधेयक को अगर संसद की मंजूरी मिल जाती है तब देश के कर स्वरूप और अर्थव्यवस्था में आमूलचूल बदालाव आयेगा.
उन्होंने कहा, ‘आप अपनी आंखे बंद कर इस विषय पर विचार करे कि आज से पांच-छह वर्ष बाद क्या बदलाव आयेंगे. आपको महसूस होगा. मैं यह देखने के लिए यहां नहीं होउंगा.'निश्चित तौर पर मैं कहीं और नहीं जा रहा हूं’ जैसा उल्लेख किया जा रहा है.’
वित्त विधेयक 2012 पर चर्चा के दौरान सोमवार को लोकसभा में यशवंत सिन्हा ने प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनने की संभावनाओं पर कई बार पहले ही बधाई दे दी जिसके बाद वित्त मंत्री को कहना पड़ा कि आप मुझे बाहर करने पर तुले हैं.
सिन्हा ने कहा था, ‘अगर आप बड़े घर (राष्ट्रपति) चले जाएं तब आज जो कुछ मैं कहा रहा हूं, उसे मन में नहीं रखें.’
भाजपा नेता ने कहा था कि आप शायद अगला बजट पेश नहीं करें, जाते जाते आप करदाताओं को राहत प्रदान करते हुए आयकर में छूट की सीमा को तीन लाख रूपये कर दें.
उन्होंने कहा कि इस सरकार में अगर कोई हैं तो आप ही हैं. हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं. आप जहां जाएं, आगे रहें.
सिन्हा के बार बार बधाई देने के बीच प्रणव ने कहा कि आप मुझे बाहर करने पर तुले हैं.चर्चा के दौरान कई अन्य सदस्यों ने भी प्रणब को पूर्व बधाई दी.