कृषि मंत्री शरद पवार की अगुवाई में एक केंद्रीय दल चार राज्यों (महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और राजस्थान) के सूखा प्रभावित क्षेत्रों का एक से तीन अगस्त के बीच दौरा करेगा और बरसात की कमी तथा पानी के अभाव की स्थिति का आकलन करेगा.
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकें की जायेंगी तथा बरसात की कमी एवं खरीफ फसलों, पानी एवं चारे की उपलब्धता पर इसके प्रभाव की समीक्षा की जाएगी. अधिकारी ने कहा कि कृषि मंत्री पहले एक अगस्त को महाराष्ट्र जायेंगे और बाद में दो अगस्त को कर्नाटक जायेंगे. तीन अगस्त को वह गुजरात और राजस्थान में बैठकें करेंगे.
उन्होंने बताया कि इस केंद्रीय टीम में 10 से 12 सदस्य होंगे जिसमें कृषि सचिव, पशुपालन सचिव तथा ग्रामीण विकास सचिव शामिल होंगे.
हालांकि पूरे देश में बरसात में 21 प्रतिशत की कमी है लेकिन कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान सर्वाधिक प्रभावित राज्य हैं. कर्नाटक के विभिन्न क्षेत्रों में 21 से 44 प्रतिशत के बीच बरसात की कमी हुई है. राज्य के दक्षिण के अंदरूनी इलाकों में बारिश सबसे कम हुई है.
मौसम कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार चालू सत्र में पश्चिमी राजस्थान में 64 प्रतिशत कम बरसात हुई है. अभी तक गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के क्षेत्र में 78 प्रतिशत बरसात की कमी है.
कमजोर बरसात के कारण कर्नाटक सरकार ने 142 तालुकों में सूखा घोषित किया है तथा किसानों की पीड़ा को कम करने के लिए 3,500 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा भी की है.
दलहनों तथा मोटे अनाज (जैसे कि मक्का, ज्वार और बाजरा) की बुवाई सर्वाधिक प्रभावित हुई है. हालांकि धान खेती का रकबा भी अभी तक 18 लाख हेक्टेयर कम है लेकिन अभी भी उम्मीद है कि इस कमी की भरपाई कर ली जायेगी क्योंकि धान का सत्र अगस्त तक का है.