गुजरात के मेहसाणा कांड में 21 दोषियों को उम्र कैद और एक पुलिस इंस्पेक्टर को 1 साल की सजा सुनाई गई. गुजरात के मेहसाणा में दिपदा दरवाजा नरसंहार में 11 लोग मारे गए थें.
2002 के गुजरात दंगे के दौरान मेहसाणा जिले में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की हत्या के मामले में एक विधायक समेत 83 लोगों पर आरोप लगाए गए थे. जिले में विसनगर के 28 फरवरी, 2002 को एक भीड़ ने दो बच्चों और 65 साल की एक वृद्धा समेत एक ही परिवार के 11 सदस्यों की हत्या कर दी थी.
शुरू में तीन महिलाओं समेत 83 लोगों के खिलाफ आरोप तय किया गया था. बाद में शिकायतकर्ता मोहम्मद इकबाल बलूच के आवेदन को स्वीकार करते हुए अदालत ने विधायक प्रह्लाद गोसा तथा पूर्व पुलिस निरीक्षक एम के पटेल को भी आरोपियों की सूची में शामिल कर दिया.
इस तरह आरोपियों की संख्या 85 हो गई थी. इससे पहले मेहसाणा के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एससी श्रीवास्तव ने आरोपी विराल नटवरलाल पटेल के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट का आदेश दिया था.
अदालत गवाहों के बयानों के आधार पर उनके बयान रिकार्ड करना चाहती है.
पटेल के मामले में वकील ने अदालत से कहा कि पिछले छह महीने से वह फरार है. गोधरा कांड के बाद के इस मामले में मेहसाणा जिले के विसनगर शहर के दिपदा दरवाज क्षेत्र में 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी.
दो मृतक के अंग घटनास्थल पर पाए गए थे, जबकि शेष नौ मृतकों को दो किलोमीटर दूर के एक तालाब में फेंक दिया गया था.