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इतावली नागरिक के लिए माओवादियों ने रखी मांगें

माओवादियों ने अपने कुछ साथियों को रिहा करने सहित उनकी मांगों में से दो मांगें पूरी होने पर दो में से एक अपहृत इतालवी नागरिक को रिहा करने का प्रस्ताव रखा है. उधर, ओड़िशा सरकार ने अपने मध्यस्थों से माओवादियों के वार्ताकारों से संपर्क करने के लिए कहा है.

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माओवादियों ने अपने कुछ साथियों को रिहा करने सहित उनकी मांगों में से दो मांगें पूरी होने पर दो में से एक अपहृत इतालवी नागरिक को रिहा करने का प्रस्ताव रखा है. उधर, ओड़िशा सरकार ने अपने मध्यस्थों से माओवादियों के वार्ताकारों से संपर्क करने के लिए कहा है.

माओवादियों की ओड़िशा राज्य संगठन समिति के एक वरिष्ठ नेता ने एक निजी टीवी चैनल से कहा, ‘अगर राज्य सरकार बातचीत शुरू होने से पहले हमारी मांगों में से दो मांगे स्वीकार कर लेती है तो एक अपहृत इतालवी नागरिक को छोड़ा जा सकता है.’ नेता ने कहा कि दो में से एक मांग शीर्ष माओवादी नेता सब्यसाची पांडा की पत्नी शुभाश्री दास और गणनाथ पात्रा सहित पांच माओवादियों को तुरंत रिहा करने की है.

माओवादियों ने फर्जी मुठभेड़ों और बलात्कार में कथित रूप से शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की.

उधर, राज्य सरकार ने इस मामले में वार्ताकार के रूप में चुने गये तीन आईएएस अधिकारियों से माओवादियों के वार्ताकार पूर्व नौकरशाह और सामाजिक कार्यकर्ता बीडी शर्मा से संपर्क करने के लिए कहा है. शर्मा उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें माओवादियों ने मध्यस्थता के लिए चुना है.

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माओवादियों ने मांगें पूरी करने की समयसीमा शाम तक के लिए बढा दी है. गौरतलब है कि कंधमाल जिले में 14 मार्च को इतालवी नागरिकों पर्यटन संचालक पाओलो बोसुस्को और पर्यटक क्लाडडियो कोलानजेलो की अपहरण कर लिया गया था.

माओवादियों ने भाकपा (माओवादी) के पोलितब्यूरो सदस्य और फिलहाल गिरिडीह जेल में बंद नारायण सान्याल, सामाजिक कार्यकर्ता डंडापणि मोहंती और विश्वप्रिय कानूनगो को वार्ताकार बनाया था.

हालांकि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सान्याल को वार्ताकार बनाने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि वह कई मामलों में कारावास की सजा काट रहा है जबकि कानूनगो ने खुद से इस मामले में शामिल नहीं होने की इच्छा जताई थी.

इसके बाद माओवादियों ने मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रफुल्ल सामंत्रा और बीडी शर्मा को नया वार्ताकार नियुक्त किया था.

सामंत्रा ने मध्यस्थता करने से इंकार करते हुए कहा, ‘मुझे शक है कि सरकार मुझे वार्ताकार के रूप में स्वीकार करेगी और मुझे सरकार पर भरोसा नहीं है.’ मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंगलवार की रात घोषणा की कि प्रधान सचिव (गृह) यूएन बेहरा, पंचायती राज सचिव पीके जेना और अजा एवं अजजा विभाग के सचिव एसके सारंगी राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे. माओवादियों को मध्यस्थ खोजने में काफी दिक्कत हो रही है और उनकी ओर से नामित दो लोग वार्ता में शामिल होने से इंकार कर चुके हैं जबकि एक का नाम सरकार ने खारिज कर दिया. एक अधिकारी ने कहा कि इन परिस्थितियों में यह स्पष्ट नहीं है कि माओवादियों की ओर से की गई मांगों पर बातचीत कब शुरू होगी ताकि अपहृत इतावली नागरिकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित हो सके.

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विपक्षी दलों ने राज्य के खुफिया तंत्र की नाकामी पर राज्य सरकार की निंदा की क्यांेकि अपहरण का यह मामला घटना के चार दिन बाद मीडिया के जरिये सार्वजनिक हुआ.

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह ने कहा कि अपहरण की यह वारदात 14 मार्च की है लेकिन राज्य सरकार को इस बारे में 17 मार्च को मीडिया के जरिये पता चला.

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा, ‘यह दिखाता है कि राज्य का पूरा खुफिया तंत्र समाप्त हो चुका है.’ एक कांग्रेसी नेता ने अपहृत इतावली नागरिकों के पासपोर्ट और वीजा के बारे में जानकारी मांगी.

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