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सचिन के इस फैसले से हैरान हैं संजय मांजरेकर

कई पूर्व क्रिकेटर और खिलाड़ी भले ही सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा सदस्य मनोनीत करने के फैसले का स्वागत कर रहे हों लेकिन पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर का कहना है कि वह मास्टर ब्लास्टर के सरकार का प्रस्ताव स्वीकार करने के फैसले पर हैरान हैं.

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संजय मांजरेकर
संजय मांजरेकर

कई पूर्व क्रिकेटर और खिलाड़ी भले ही सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा सदस्य मनोनीत करने के फैसले का स्वागत कर रहे हों लेकिन पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर का कहना है कि वह मास्टर ब्लास्टर के सरकार का प्रस्ताव स्वीकार करने के फैसले पर हैरान हैं.

सचिन के साथ खेल चुके मांजरेकर यह विचार रखने वाले अकेले नहीं हैं, कई अन्य ने भी मांजरेकर की बात का समर्थन किया है और उनका कहना है कि तेंदुलकर सार्वजनिक मुद्दों पर अपना नजरिया व्यक्त करने के लिए नहीं जाने जाते.

तेंदुलकर के बारे में प्रतिक्रिया पूछने पर मांजरेकर ने कहा, ‘असल में मैं इस खबर से हैरान हूं. पहले इस मनोनयन से, क्योंकि बिना पूर्व जानकारी के अचानक से ऐसा हुआ. और सचिन का इस प्रस्ताव को स्वीकार करना ज्यादा हैरानी भरा है.’

मांजरेकर ने कहा, ‘जब मैं देखता हूं कि सचिन संन्यास लेने के बाद क्या कर सकते हैं तो मैंने सोचा था कि शायद कुछ क्रिकेट से जुडा हुआ, कोचिंग और उसके बाद कुछ और काम या सामाजिक क्रियाकलाप. लेकिन संन्यास के बाद या करियर के इस स्तर पर राज्यसभा सदस्य बनना कुछ ऐसा है जिसके बारे में मैं कोई अनुमान नहीं लगा सकता था.’

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हालांकि मांजरेकर ने कहा कि अगर तेंदुलकर चाहेंगे तो वह संसद में कार्यवाही में भाग ले सकते हैं.

उन्होंने कहा, ‘अब वह भारत के सभी मैचों में नहीं खेलते हैं. वह रणजी ट्रॉफी में मुंबई के लिए नहीं खेलते हैं. अगर वह समय निकालना चाहते हैं तो वह ऐसा कर सकते हैं और लोग भी ऐसी ही उम्मीद करते हैं. वह संसद के हर सत्र में हर दिन नहीं जाएंगे. वह पर्याप्त समय तो निकाल सकते हैं.’

मांजरेकर ने कहा कि लेकिन इससे मैं पूरी तरह से आश्चर्यचकित हूं. मैं उन्हें एक खास तरह के व्यक्ति के तौर पर जानता हूं.

उन्होंने कहा कि यह सचिन के लिए अलग तरह की चुनौती होगी क्योंकि वह स्वभाव से शांत हैं और वह क्रिकेट से जुड़े मुद्दों पर भी प्रतिक्रिया नहीं देते हैं. क्रिकेट कमेंट्रेटर और विश्लेषक हर्षा भोगले का मानना है कि तेंदुलकर के पास एक सक्रिय सांसद बनने का अनुभव नहीं है.

भोगले ने कहा, ‘कई लोग अब तेंदुलकर से फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. मुझे नहीं पता कि क्या यह अच्छा विचार है. अगर राज्यसभा में सचिन को सीट देकर उन्हें सम्मान देने का विचार है तो ठीक है लेकिन अगर आप तेंदुलकर को सक्रिय सांसद के रूप में और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान देते हुए देखना चाहते हैं तो इसके लिए उनके पास अनुभव नहीं है.’

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