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खुदरा में एफडीआई को अनुमति न देने का आग्रह

समाजवादी पार्टी (सपा) और वाम दलों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से आग्रह किया है कि मल्टी ब्रांड-खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति न दिया जाए. इन दलों ने कहा है कि इससे देश का खुदरा क्षेत्र एक तरह से नष्ट हो जाएगा.

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

समाजवादी पार्टी (सपा) और वाम दलों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से आग्रह किया है कि मल्टी ब्रांड-खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति न दिया जाए. इन दलों ने कहा है कि इससे देश का खुदरा क्षेत्र एक तरह से नष्ट हो जाएगा.

सपा व वाम दलों ने प्रधानमंत्री को लिखे एक संयुक्त खुले पत्र में कहा है कि बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के सुपरमार्केट और हाइपरमार्केट श्रृंखलाओं के प्रवेश से छोटे और असंगठित दुकानदार व व्यापारी बुरी तरह प्रभावित होंगे. पत्र में कहा गया है कि विशालकाय वाल-मार्ट सुपरमार्केट श्रृंखला का घातक असर होगा.

पत्र में एक अनुमान के हवाले से कहा गया है कि वाल-मार्ट सुपरमार्केट देश में 1,300 से अधिक छोटे खुदरा दुकानों को निगल जाएगा और इससे लगभग 3,900 लोग बेरोजगार हो जाएंगे.

पत्र में आगे कहा गया है कि ऐसी स्थिति में, जब रोजगार वृद्धि दर मंद पड़ी हुई है, विदेशी सुपर बाजारों के प्रवेश से रोजगार की स्थिति और बिगड़ जाएगी.

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पत्र में कहा गया है कि हम सरकार से आग्रह करते हैं कि खुदरा कारोबार में एफडीआई को बिल्कुल अनुमति न दी जाए. सभी राजनीतिक दल इस कदम के खिलाफ हैं. कई राज्य सरकारों ने भी इस मुद्दे पर विरोध दर्ज कराया है.

पत्र पर सपा नेता मुलायम सिंह यादव, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रकाश करात, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के एस. सुधाकर रेड्डी, जनता दल (सेक्युलर) के दानिश अली, फॉरवर्ड ब्लॉक के देबब्रत बिस्वास और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के अबनी रॉय के हस्ताक्षर हैं. पत्र में कहा गया है कि देश में कृषि के बाद खुदरा क्षेत्र सबसे बड़ा रोजगार पैदा करने वाला क्षेत्र है.

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