दिल्ली के जंतर-मंतर पर 8 दिनों से अनशन कर रहे टीम अन्ना के अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि सरकार उनकी जान से खिलावाड़ करने की साजिश रच रही है.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे आत्महत्या करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, बल्कि बलिदान देने के लिए बैठे हैं. उन्होंने कहा कि खराब सेहत के बहाने सरकार जबरन उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाने का प्रयास कर सकती है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इस तरह की कोई कार्रवाई की, तो इसके लिए सरकार खुद जिम्मेदार होगी.
बेहद कमजोर दिख रहे केजरीवाल ने कहा कि उन्हें सरकारी डॉक्टरों पर भरोसा नहीं है, इसलिए अब सरकारी डॉक्टरों को चेकअप करने नहीं दिया जाएगा.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्हें कमजोरी महसूस हो रही है, चलने-बैठने में परेशानी है, पर अनशन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि उनकी सेहत की चिंता सरकार से ज्यादा देश के लोगों को है.
अन्ना हजारे ने भी केजरीवाल की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि अनशन हमारी परंपरा रही है. अन्याय, अत्याचार के खिलाफ अनशन सदियों से होता रहा है, फिर कोई कैसे इसपर रोक लगा सकता है. बहरहाल, भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन जारी है, जबकि सरकार की ओर से वार्ता की कोई पहल होती नहीं नजर आ रही है.
इससे पहले, टीम अन्ना ने इस बात से साफ इनकार किया कि उसकी ओर से सरकार से बातचीत की कोई पहल की गई है.
टीम अन्ना ने कहा है कि वह किसी भी मंत्री के संपर्क में नहीं है. टीम अन्ना ने केंद्र सरकार से किसी भी तरह की बातचीत होने से साफ इनकार किया है.
इससे पहले ऐसा बताया जा रहा था कि टीम अन्ना से जुड़े कुछ लोगों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से संपर्क साधा है. इससे समझा जा रहा था कि टीम अन्ना पृथ्वीराज चव्हाण के जरिए केंद्र सरकार से वार्ता करना चाह रही है.
दूसरी ओर, मजबूत लोकपाल की मांग को लेकर राजधानी के जंतर-मंतर पर अनशन कर रहे टीम अन्ना के सदस्यों- अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई है. डॉक्टरों ने इनसे अनशन छोड़ने की अपील की है, लेकिन इन दोनों ने अनशन जारी रखने का फैसला किया है.
जानकारी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल इतने कमजोर हो गए हैं कि वे बैठने तक में समर्थ नहीं हैं. अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय के अनशन का बुधवार को 8वां दिन है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ टीम अन्ना का आंदोलन अब भी जारी है. सरकार की ओर से वार्ता की कोई सुगबुगाहट नजर नहीं आ रही है, न कि टीम अन्ना किसी तरह की बातचीत के लिए तैयार दिख रही है.
दिल्ली के जंतर-मंतर से उठ रही आवाज़ अब देश के लोगों की बेचैनी बढ़ा रही है. अन्ना हजारे के आंदोलन का 8वां दिन है. अनशन पर बैठे लोगों की हालत बिगड़ रही है, लेकिन अभी तक सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी. दूसरी ओर, जंतर-मंतर पर लोगों का सैलाब देखकर अन्ना का हौसला और बढ़ गया है.