टीम अन्ना ने इस बात से साफ इनकार किया है कि उसकी ओर से सरकार से बातचीत की कोई पहल की गई है.
टीम अन्ना ने कहा है कि वह किसी भी मंत्री के संपर्क में नहीं है. टीम अन्ना ने केंद्र सरकार से किसी भी तरह की बातचीत होने से साफ इनकार किया है.
इससे पहले ऐसा बताया जा रहा था कि टीम अन्ना से जुड़े कुछ लोगों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से संपर्क साधा है. इससे समझा जा रहा था कि टीम अन्ना पृथ्वीराज चव्हाण के जरिए केंद्र सरकार से वार्ता करना चाह रही है.
दूसरी ओर, मजबूत लोकपाल की मांग को लेकर राजधानी के जंतर-मंतर पर अनशन कर रहे टीम अन्ना के सदस्यों- अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई है. डॉक्टरों ने इनसे अनशन छोड़ने की अपील की है, लेकिन इन दोनों ने अनशन जारी रखने का फैसला किया है.
जानकारी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल इतने कमजोर हो गए हैं कि वे बैठने तक में समर्थ नहीं हैं. अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय के अनशन का बुधवार को 8वां दिन है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ टीम अन्ना का आंदोलन अब भी जारी है. सरकार की ओर से वार्ता की कोई सुगबुगाहट नजर नहीं आ रही है, न कि टीम अन्ना किसी तरह की बातचीत के लिए तैयार दिख रही है.
दिल्ली के जंतर-मंतर से उठ रही आवाज़ अब देश के लोगों की बेचैनी बढ़ा रही है. अन्ना हजारे के आंदोलन का 8वां दिन है. अनशन पर बैठे लोगों की हालत बिगड़ रही है, लेकिन अभी तक सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी. दूसरी ओर, जंतर-मंतर पर लोगों का सैलाब देखकर अन्ना का हौसला और बढ़ गया है.
अन्ना हजारे ने चेतावनी भरे स्वर में कहा है कि कि गद्दार मंत्री उन्हें छूने न आएं. अन्ना हज़ारे की यह खुली चेतावनी उन नेताओं और मंत्रियों के लिए है, जो भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप होने के बावजूद लाल बत्ती में घूम रहे हैं.
अन्ना हजारे की दूसरी चेतावनी है कि वे 'पद्म भूषण' लौटा देंगे. अन्ना को भारत सरकार से पद्मश्री और पद्मभूषण सम्मान मिल चुका है. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अन्ना पद्मश्री पहले ही लौटा चुके हैं. अब उन्होंने पद्मभूषण लौटाने की चेतावनी दी है.
वैसे, अन्ना हजारे चार दिन से भूखे हैं और टीम अन्ना 8 दिन भूखी है. भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आरपार की ये जंग आठवें दिन में पहुंच चुकी है. अन्ना तो अभी ठीक हैं, लेकिन 8 दिन से अनशन कर रहे 3 साथियों की हालत बिगड़ती जा रही है, लेकिन उन्होंने अपनी जान की परवाह छोड़ दी है.
सरकार इस बार आंदोलनकारियों के सब्र का इम्तेहान ले रही है. मंगलवार को गृहमंत्री चिदंबरम ने सिर्फ इतना कहा कि नारायण सामी की चिठ्ठी के ज़रिए सरकार अपना रुख साफ़ कर चुकी है. गृहमंत्री जिस चिट्ठी की बात कर रहे हैं, उसे टीम अन्ना पहले ही नकार चुकी है.
दूसरी ओर देशवासियों की बेचैनी बढ़ती जा रही है. सवालों की गूंज तेज़ हो रही है कि अगर ये सरकार सच्ची है तो फिर असल मुद्दे पर बात करने से कतरा क्यों रही है.