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कर्नाटक: खुलकर सामने आई BJP में गुटबाजी

कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा में गुटबाजी रविवार को खुलकर सामने आ गई. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने पार्टी छोड़ने और लोकसभा उपचुनाव में प्रचार का बहिष्कार करने का विकल्प खुला रखा है.

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कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा में गुटबाजी रविवार को खुलकर सामने आ गई. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने पार्टी छोड़ने और लोकसभा उपचुनाव में प्रचार का बहिष्कार करने का विकल्प खुला रखा है.  येदियुरप्पा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में रविवार को आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा के नेतृत्व वाला समूह एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के.एस. ईश्वरप्पा शरीक नहीं हुए.

ज्ञात हो कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर गत वर्ष 31 जुलाई को मुख्यमंत्री पद छोड़ने वाले येदियुरप्पा दोबारा अपनी बहाली की मांग कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि येदियुरप्पा ने अब राज्य में पार्टी के विघटन का मन बना लिया है.

अपने 70वें जन्मदिन के नाम पर आयोजित समारोह में लोगों को सम्बोधित करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि मैं कर्नाटक की यात्रा करूंगा और मेरे साढ़े तीन साल के शासन में राज्य ने जो तरक्की की उसके बारे में लोगों को बताऊंगा.

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इसके पहले येदियुरप्पा ने पत्रकारों से कहा कि केवल समय ही बताएगा. मैं भविष्य के बारे में नहीं बता सकता. उनसे पूछा गया था कि अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले राज्य विधानसभा के चुनाव तक क्या वह पार्टी में बने रहेंगे?

उन्होंने यह भी कहा कि उदुपी-चिकमंगलूर लोकसभा सीट के लिए 18 मार्च को होने वाले उप चुनाव में वह पार्टी के लिए प्रचार नहीं करेंगे. उन्होंने इसके लिए राज्य में अपने उत्तराधिकारी डी. वी. सदानंद गौड़ा को जिम्मेदार ठहराया.

उदुपी-चिकमंगलूर सीट से गौड़ा सांसद थे, जिन्होंने चार अगस्त को मुख्यमंत्री का पदभार सम्भालने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. गौड़ा कभी येदियुरप्पा की पसंद थे, लेकिन आज दोनों नेतओं के सम्बंधों में खटास आ गई है.

येदियुरप्पा ने गौड़ा पर व्यंग्य करते हुए कहा कि गौड़ा कहते हैं कि मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के आठ से अधिक मामले हैं. ऐसे में यदि मैं पार्टी के प्रचार के लिए जाता हूं, इससे वह लज्जित हो सकते हैं.

कर्नाटक के लोकायुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एन. संतोष हेगड़े की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के मामलों में येदियुरप्पा का नाम आने के बाद भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए बाध्य कर दिया था, जिसके बाद गौड़ा ने राज्य की बागडोर सम्भाली.

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