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हंगामे के कारण कई महत्वपूर्ण विधेयकों का भविष्य अधर में

संसद में 2-जी स्पैक्ट्रम, आदर्श हाउसिंग सोसायटी तथा राष्ट्रमंडल खेल घोटालों पर विपक्ष के हंगामे के कारण संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू से ही चले आ रहे गतिरोध के अगले सप्ताह भी बने रहने की आशंका है.

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संसद में 2-जी स्पैक्ट्रम, आदर्श हाउसिंग सोसायटी तथा राष्ट्रमंडल खेल घोटालों पर विपक्ष के हंगामे के कारण संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू से ही चले आ रहे गतिरोध के अगले सप्ताह भी बने रहने की आशंका है. इसके चलते महिला आरक्षण विधेयक सहित इस सत्र में पारित कराने के लिए रखे जाने वाले कई महत्वपूर्ण विधेयकों का भविष्य अधर में लटक गया है.

लोकसभा सचिवालय सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि हंगामे की स्थिति में यदि सुधार नहीं होता है तो शीतकालीन सत्र को निर्धारित समय यानी 13 दिसंबर से काफी पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जा सकता है.

संसद के शीतकालीन सत्र को शुरू हुए करीब एक सप्ताह बीत चुका है लेकिन लोकसभा में केवल पहले दिन यानी नौ नवंबर को छोड़कर दोनों सदनों में किसी भी दिन न तो प्रश्नकाल ही हुआ है और कोई ठोस विधायी कामकाज.

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हालांकि सरकार की इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की योजना थी जिनमें अत्याचार निवारण विधेयक 2010, शिक्षा प्राधिकरण विधेयक 2010, बीज विधेयक 2004, अपहरण रोधी (संशोधन) विधेयक 2010, मुफ्त एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार (संशोधन) विधेयक 2010 शामिल हैं.

इनमें सबसे महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी तथा लंबे समय से अटका पड़ा ‘संविधान संशोधन (108वां) विधेयक’ शामिल है जिसके जरिए लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करना है. राज्यसभा में यह पहले ही पारित हो चुका है. इसे छह मई 2008 को राज्यसभा में पेश किया गया था और ऊपरी सदन ने नौ मार्च 2010 को इसे अपनी मंजूरी दे दी थी लेकिन अब यह लोकसभा में लंबित है.{mospagebreak}

इस सत्र के लिए सूचीबद्ध कुछ विधेयकों को लोकसभा या राज्यसभा पारित कर चुकी है और अब उन्हें दूसरे सदन की मंजूरी का इंतजार है. इनमें से मुफ्त एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार विधेयक सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है.

लोकसभा सचिवालय सूत्रों के अनुसार, संसद के नौ नवंबर से शुरू हुए शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों की 13 सितंबर तक कुल 24 बैठकें होनी हैं और इस दौरान 23 लंबित विधेयकों पर विचार कर उन्हें पारित किया जाना है तथा आठ नए विधेयक पेश, विचार और पारित किए जाने के इंतजार में हैं. इन आठ विधेयकों में कार्यस्थलों पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न से बचाव विधेयक 2010, शत्रु संपत्ति (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) विधेयक 2010, वन्यजीव संरक्षण संशोधन विधेयक आदि शामिल हैं.

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इनमें से शत्रु संपत्ति विधेयक 2010 को पिछले दिनों गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने लोकसभा में भारी हंगामे के बीच पेश किया था.

इसके साथ ही सरकार की 24 नए विधेयक पेश करने और तीन विधेयकों को वापस लेने की भी योजना है.

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