अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) आखिरकार अध्यक्ष की भूमिकाओं में बंटवारे के लिए तैयार हो ही गई. इसके लिए उसने संवैधानिक बदलाव करते हुए चेयरमैन नाम से एक अलग पद गठित करने का फैसला किया है, जिसके पास मताधिकार नहीं होगा.
रविवार को आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में आईसीसी ने इस बात को लेकर सहमति बनाई. अब संविधान में बदलाव का प्रस्ताव जून के अंत में कुआलालम्पुर में आयोजित होने वाली वार्षिक आम बैठक में रखा जाएगा. इसी बैठक में इसे हरी झंडी मिल सकेगी.
अध्यक्ष की भूमिका को 2014 की वार्षिक बैठक के बाद फिर से निर्धारित किया जाएगा. इसके माध्यम से अध्यक्ष और चेयरमैन को अलग-अलग और स्वतंत्र भूमिकाएं सौंपी जाएंगी.
तब तक आईसीसी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की मौजूदा भूमिकाएं बनी रहेंगी. 2014 के बाद उपाध्यक्ष का पद खत्म हो जाएगा और चेयरमैन अपना कार्यभार सम्भाल लेगा.
अध्यक्ष का कार्यकाल एक साल का होगा और यह रोटेट होता रहेगा. आज की तारीख में भी यह सदस्य देशों के बीच रोटेशन पालिसी के तहत आता है. अध्यक्ष बोर्ड में मताधिकार का अधिकार नहीं पा सकेगा.
चेयरमैन की नियुक्ति बोर्ड अधिकतम छह साल के लिए करेगा. वह तीन-तीन साल के कार्यकाल के लिए दो बार चुना जा सकेगा. यह पद भी मताधिकारयुक्त नहीं होगा.