पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने कहा है कि लश्करे तैयबा संस्थापक हाफिज सईद का मामला एक ‘आंतरिक मुद्दा’ है तथा यदि जमात उद दावा प्रमुख के खिलाफ कोई ठोस सबूत हैं तो उसे पाकिस्तान को मुहैया कराया जाना चाहिए.
गिलानी ने साथ ही चेतावनी दी कि ऐसे समय जब पाकिस्तान की संसद अमेरिका के साथ संबंधों के नये नियम बना रही है ऐसे ‘नकारात्मक संदेशों से विश्वास की कमी में बढ़ोतरी होगी.’ उन्होंने यह टिप्पणी सईद के लिए एक करोड़ डालर की इनाम की अमेरिका की ओर से की गई घोषणा को लेकर नेशनल एसेंबली और सीनेट के संयुक्त सत्र के दौरान सांसदों की ओर से उठायी गई बातों पर की.
उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा था और यदि ‘सईद के खिलाफ कोई ठोस सबूत हैं तो उसे पाकिस्तान को मुहैया कराया जाना चाहिए जिसके पास एक स्वतंत्र न्यायपालिका है.’ गिलानी ने कहा कि सईद के खिलाफ मामले पूर्व में सबूत की कमी के चलते खारिज किये जा चुके हैं. उन्होंने सांसदों को बताया कि उन्होंने सईद पर इनाम घोषणा के मुद्दे को देश की यात्रा पर आये उप विदेश मंत्री थामस नाइड्स के साथ गत बुधवार को हुई बैठक के दौरान उठाया था.
गिलानी ने कहा कि उन्होंने नाइड्स को सूचित किया था कि ऐसे समय में जब पाकिस्तान की संसद अमेरिका के साथ संबंध के नये नियम बना रही है, ‘ऐसे नाकारात्मक संदेशों से विश्वास कमी और बढ़ेगी.’ उन्होंने कहा कि इनाम के मुद्दे पर मुख्य विपक्षी पार्टी पीएमएल.एन प्रमुख नवाज शरीफ को फोन करके उन्हें विश्वास में लिया था.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने संसद के संयुक्त सत्र को बताया कि उन्होंने ने भी इनाम के मुद्दे पर नाइड्स से चर्चा की थी. उन्होंने कहा कि उन्होंने अमेरिकी प्रतिमंडल को बताया कि सईद पाकिस्तानी नागरिक है तथा अमेरिका को ऐसा निर्णय लेने से पहले पाकिस्तान को सूचित करना चाहिए था.