दिल्ली की एक अदालत ने प्रस्तावित जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के पास एक अन्य मस्जिद के निर्माण पर रोक लगा दी है और नगर निगम से यह स्थल भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग को सौंपने को कहा है. अदालत की पूर्णपीठ ने भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग से यह भी जांच कराने को कहा कि इस स्थल पर 17वीं सदी में निर्मित अकबराबादी मस्जिद का अवशेष था या नहीं.
अदालत ने कहा, 'हमारी राय है कि भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग इस स्थल को अपने कब्जे में ले और तुरंत जांच कराए कि वहां अकबराबादी मस्जिद कभी थी या नहीं.' अदालत ने दिल्ली नगर निगम को यह आदेश भी दिया कि वह खुदाई का काम पुलिस की निगरानी में कराए ताकि कोई उस क्षेत्र में प्रवेश न कर सके.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए.के. सीकरी, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति राजीव शकधर की पूर्णपीठ ने कहा, 'इस स्थल पर आगे कोई निर्माण नहीं होना चाहिए. निगम खुदाई कार्य पुलिस से सहयोग लेकर कराए. पुलिस को भी निर्देश दिया जाता है कि वह निगम को पूरा सहयोग दे.'
अदालत ने दिल्ली सरकार को भी निर्देश दिया है कि वह इस मुद्दे का हल निकालने के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाए. अदालत ने दिल्ली नगर निगम से जामा मस्जिद विकास योजना पर स्थिति रिपोर्ट तलब की है और इस मामले की सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तारीख तय की है.