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राहुल गांधी की तुलना में दिग्विजय होंगे ज्यादा बेहतर प्रधानमंत्रीः गोविंदाचार्य

राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संस्थापक एवं संरक्षक के एन गोविंदाचार्य का मानना है कि राहुल गांधी की तुलना में कांग्रेस में दिग्विजय सिंह ज्यादा बेहतर प्रधानमंत्री सिद्ध होंगे.

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के एन गोविंदाचार्य
के एन गोविंदाचार्य

राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संस्थापक एवं संरक्षक के एन गोविंदाचार्य का मानना है कि राहुल गांधी की तुलना में कांग्रेस में दिग्विजय सिंह ज्यादा बेहतर प्रधानमंत्री सिद्ध होंगे.

पटना में गोविंदाचार्य ने कहा कि राहुल गांधी की तुलना में कांग्रेस में दिग्विजय सिंह ज्यादा बेहतर प्रधानमंत्री सिद्ध होंगे.

उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह को कांग्रेस के राजनीतिक हित और अहित का ख्याल ज्यादा रहता है और केंद्र में भी मंत्री रह चुके हैं. वह प्रदेश में भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं तथा उन्हें कांग्रेस के अन्य लोगों की तुलना में प्रशासन का अनुभव ज्यादा है.

गोविंदाचार्य ने कहा, ‘अगर मुझसे पूछा जाएगा तो वह यह कहेंगे कि राहुल गांधी की तुलना में दिग्विजय सिंह बेहतर प्रधानमंत्री होंगे.’

यह पूछे जाने कि सोनिया गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनने से रोके जाने के लिए आंदोलन खड़ा किया गया था और अब उक्त पद के लिए राहुल को प्रस्तुत किया जा रहा है, इस पर गोविंदाचार्य ने कहा, ‘फिलहाल यह कांग्रेस का अंदरुनी मामला है और हमारे यहां पिता से वंश को माना जाता है.’

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उन्होंने कहा कि कई लोग इटली के संविधान का हवाला देते हुए सवाल खड़ा कर सकते हैं, लेकिन इस विषय पर वे अभी कुछ नहीं कहेंगे. वैसे कुछ लोग इसको इटली से जोड़ कर देखते हैं क्योंकि इटली के संविधान में यह विशेष प्रावधान है कि एक बार वहां का नागरिक होने पर कोई भी नागरिकता छोड़ नहीं सकता और जब भी वह वहां पहुंचेगा स्वभाविक रूप से वहां का नागरिक मान लिया जाएगा.

यह पूछे जाने पर कि राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने में कोई दिक्कत नहीं है, गोविंदाचार्य ने कहा, ‘बनना तो बहुत दूर की बात है. मुझे लगता ही नहीं है कि वह प्रधानमंत्री बनेंगे, क्योंकि वह खत्म हो गये कारतूस हो चुके हैं, राजनीति में उनकी परीक्षा हो चुकी है वे कोई नौसिखिये बच्चे नहीं है, वे असफल करार दिए जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस की अपनी लाचारी है तो उनको मुबारक.’

उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान में केंद्र में सत्ता पर काबिज लोगों ने साफ कर दिया है कि एक खानदान के अलावा बाहर देखने की उनकी दृष्टि हो ही नहीं सकती, वे मायोपिया के रोग से ग्रसित हैं.

भाजपा के बीच अंदरूनी खींचतान और गुटबंदी के बारे में पूछे जाने पर गोविंदचार्य ने कहा कि व्यापक उदार लक्ष्य का विस्मरण यानि बड़े लक्ष्य विस्मरण होने पर महात्वकांक्षाएं आती हैं.

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उन्होंने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री बनूं पार्टी का चाहे जो हो, यह तभी होता है जब पार्टी द्वारा जनता के कल्याण का व्यापक उद्देश्य दिमाग से हट जाता है, ऐसे में पाने-बनने-पहुंचने की टुच्ची सोच हावी हो जाती है’.

गोविंदाचार्य ने कहा कि भाजपा की स्थापना किसी व्यक्ति विशेष को कुछ बनाने के उद्देश्य से नहीं की गयी थी बल्कि इसकी स्थापना अंतिम आदमी की हित की रक्षा के लिए हुई थी.

उन्होंने कहा कि भाजपा की वर्तमान समस्याओं के लिए उसमें वैज्ञानिक कार्यशाली और फिल्टरिंग मैकेनिज्म का अभाव है जिसमें निर्णय करने का फोरम ही न बचे ऐसे में लोग गैर जवाबदेह हो जाते हैं.

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