विक्रमी संवत 2068 के अनुसार श्रावण महीने के दूसरे सोमवार को देवभूमि के नाम से विख्यात उत्तराखंड का हरिद्वार जिला जहां कांवरमय हो गया, वहीं अन्य जिलों में लाखों की संख्या में लोग शंकरमय हो गये.
राज्य में स्थित छोटे-बड़े शिवालयों में लाखों की संख्या में लोगों ने जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक कर दान किया. तीर्थनगरी के नाम से विख्यात हरिद्वार में सोमवार को करीब पांच लाख कांवड़ यात्री जल लेकर अपने-अपने गंतव्यों के लिये रवाना हुये. पूरी तीर्थनगरी कांवरमय रही. चप्पे-चप्पे पर कांवड़ यात्रियों का जत्था दिखाई दिया. इस अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी.
हरिद्वार के पुलिस अधीक्षक किरन लाल शाह ने बताया कि दिन के साढ़े बारह बजे तक करीब ढाई लाख कांवरियों ने गंगाजल लेकर विभिन्न शिवालयों में जलाभिषेक किया.
राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित द्वादश शिवलिंगों में एक बाबा केदारनाथ के दर्शन और अभिषेक के लिये हजारों की संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे. इस अवसर पर मंदिर में अत्यधिक भीड़ को देखते हुये विशेष इंतजाम किये गये थे.
सूत्रों के अनुसार, इसी तरह लोगों ने उत्तराखंड में द्वितीय केदार के रूप में मान्यता प्राप्त मदमहेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ तथा पंचम केदार कल्पेश्वर की भी विशेष रूप से पूजा अर्चना की तथा अभिषेक किया.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में स्थित शिव मंदिरों में दर्शन पूजन के लिये लोगों की भारी भीड़ उमड़ी. श्रद्धालुओं ने सुबह से लंबी लाइन लगाकर शिवलिंगों पर दूध, दही, बिल्वपत्र, गंगाजल, तथा अन्य फल फूल चढ़ाये.
इस अवसर पर लोगों ने पहले विभिन्न नदियों में स्नान किया और फिर हर हर महादेव को उद्घोष करते हुये शिव मंदिरों में जाकर पूजा पाठ किया. पुलिस अधीक्षक शाह ने बताया कि हरिद्वार में कांवरियों की भारी भीड़ ने गंगा जल लेकर उसे विभिन्न शिव मंदिरों में अर्पित किया.
श्रावण महीने के दूसरे सोमवार को करीब पांच लाख की संख्या में पहुंचे कांवरियों से पूरी तीर्थ नगरी में गहमा गहमी मची रही. कांवरियों ने गंगा में स्नान करने के बाद गंगा किनारे पूजा की और उसके बाद गंगा जल लेकर अपने गंतव्यों के लिये रवाना हो गये. जिला प्रशासन ने इस अवसर पर पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिये जहां सादे वेश में पुलिसकर्मियों को चप्पे चप्पे पर तैनात किया हुआ है वहीं हरकी पैड़ी, चंडीघाट, प्रेमनगर घाट सहित अन्य स्थानों पर सशस्त्र पुलिस बल की 24 घंटे निगरानी सुनिश्चित की गयी है.
हरिद्वार में प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि इस वर्ष एक आकलन के अनुसार पूरे महीने में 80 लाख से अधिक कावंड़ियों के आने की संभावना है. हरिद्वार के पुलिस अधीक्षक शाह ने बताया कि कांवर यात्रा को देखते हुये पूरे इलाके को चार सुपर जोन, 18 जोन तथा 75 सेक्टर में बांटा गया है.
इन सभी स्थानों पर सेक्टर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पुलिस अधिकारियों तथा पुलिसकर्मियों को बारह बारह घंटे के लिये तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि मुंबई में हुये विस्फोटों को देखते हुये इस बार विशेष सतर्कता बरती गयी है तथा कांवरियों के लाठी, डंडे, हाकी तथा त्रिशूल लेकर चलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, कांवरियों की भारी भीड़ को देखते हुये मेरठ हरिद्वार राजमार्ग को बंद कर दिया गया है और इस मार्ग पर आने वाले वाहनों को वाया बिजनौर चलाया जा रहा है. इसी तरह मुजफ्फरनगर से हरिद्वार मार्ग पर जाने वाले चार पहिया वाहनों को भी रोक दिया गया है. शिवभक्तों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसके चलते मार्गों को बदला गया है.
सूत्रों के अनुसार, पौड़ी जिले के तहत आने वाले ऋषिकेश के नीलकंठ महादेव मंदिर के क्षेत्र में कांवरियों के लिए मार्गों की विशेष सफाई की गई है. जगह-जगह स्ट्रीटलाइट की व्यवस्था है और पीने के पानी का इंतजाम किया गया है. कई स्थानों पर नि:शुल्क चिकित्सा व्यवस्था के तहत डाक्टरों और अन्य कर्मचारियों की तैनाती भी की गई है. शाह ने बताया कि हरिद्वार तथा आसपास के क्षेत्रों से अभी तक किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.