दिल्ली की एक अदालत ने भारत सरकार की काली सूची में शामिल कंपनियों में से हथियारों की स्विस कंपनी को हटाने की एवज में धन प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार अभिषेक वर्मा और उसकी पत्नी को एक सप्ताह के लिए सीबीआई की हिरासत में सौंप दिया है.
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश तलवंत सिंह ने संक्षिप्त आदेश में कहा कि दोनों अभियुक्तों को 16 जून तक के लिए सीबीआई की हिरासत में दिया जा रहा है. केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने इस सिलसिले में शुक्रवार को ही एक नया मामला दर्ज किया था और अभिषेक वर्मा और उनकी विदेशी पत्नी आंसिया नियस्कू को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था.
सीबीआई ने अभिषेक वर्मा और उसकी पत्नी को आज विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश करके दोनों को 12 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में देने का अनुरोध किया. सीबीआई का कहना था कि इस मामले में अभी जांच जारी है और पूरी साजिश का पता लगाने के लिए दोनों की जरूरत है.
अभियुक्तों के वकील विजय अग्रवाल ने दोनो की हिरासत के लिए सीबीआई की अर्जी का विरोध किया. श्री अग्रवाल का कहना था कि सीबीआई पहले ही सात जून को उनके परिसरों की तलशी ले चुकी है और शुक्रवार सुबह से ही दोनो जांच ब्यूरो के कार्यालय में थे.
उनका कहना था कि सीबीआई पिछले दो दिन से उनके मुवक्किल की आजादी को बाधित कर रहा है. उनका यह भी कहना था कि अदालत में पेश केस डायरी भी अपराध प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के अनुरूप नहीं तैयार की गई है.
अभिषेक वर्मा पर आरोप है कि उसने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर स्विस कंपनी रेनमेटल एयर डिफेन्स एजी (रैड) को काली सूची में डालने की कार्यवाही रुकवाने के लिए इस कंपनी से 530,000 अमेरिकी डॉलर लिये थे. आर्डनेन्स फैक्टरी बोर्ड प्रकरण सामने आने के बाद सरकार ने इस कंपनी को काली सूची में डालने की कार्रवाई शुरू की थी.