कांग्रेस ने अपने महासचिव दिग्विजय सिंह से उत्तर प्रदेश और असम का प्रभार वापस ले लिया गया है. उनकी जगह बीके हरिप्रसाद को उनका कार्यभार सौंपा गया है. माना जा रहा है कि आगामी 19 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर यह कार्रवाई की गई है.
दिग्विजय सिंह को कांग्रेस के 'युवराज' राहुल गांधी का करीबी माना जाता है. लेकिन राहुल गांधी पर दिए गए बयान पर ही उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है. दिग्विजय सिंह ने आजतक के साप्ताहिक कार्यक्रम 'सीधी बात' में राहुल गांधी को जल्द ही बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने संबंधी बात कही थी.
दिग्विजय सिंह की बयानबाजी से कांग्रेस अक्सर मुसीबत में फंसती रहती हैं. बयानबाजी के कारण हाल ही में कांग्रेस को उनसे अपनी बयानबाजी पर लगाम लगाने के लिए लिए कहना पड़ा था. साथ कांग्रेस ने यह भी साफ कर दिया था कि वे पार्टी के प्रवक्ता नहीं हैं, इसलिए उनके बयान को पार्टी का बयान न माना जाए. इसके बाद दिग्विजय सिंह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को दिए गए फेयरवेल में भी नहीं आए थे.